विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
शारदा सिन्हा की अंतिम इच्छा क्या थी? बेटे को बताया अब कल होगी पूरी…सुनकर किसी भी सुहागन की आंखे हो जाएंगी नम
छठ पूजा के दिन शरदा सिन्हा का होगा अंतिम संस्कार
न्यूज़ डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। मेरे ठीक सिरहाने रख कर कहते, हांजी ये सबके लिए है”। मैं उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के हिसाब से उन्हें मना करती, “मत खाइए ये सब , तबियत खराब हो जाएगी…. अरे छोड़ो जी…मस्ती में रहो कह कर चल देते। आगे शारदा सिन्हा ने लिखा की बिना सिन्हा साहब के ये दिन शूल सा गड़ता है मुझे। बेटे अंशुमन की मानें तो उनकी मां पिता के निधन के बाद काफी निराश रहने लगी थीं। शायद उनके अंदर से जीने की ललक खत्म हो गई थी। फिर भी किसी भी महिला की अंतिम इच्छा होती है कि वह अपने पति का साथ जिंदगीभर न छोड़े। शारदा सिन्हा ने भी अपनी अंतिम इच्छा अपने बेटे अंशुमन सिन्हा के साथ शेयर की थी। उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को कहा, ‘उनकी मां की अंतिम इच्छा यही थी कि जहां उनके पिता का अंतिम संस्कार हुआ, वहीं मेरा भी बेटा अंतिम संस्कार कर देना। मेरी इच्छा सुहागन बनकर ही इस दुनिया से जाने की थी, लेकिन वो हो नहीं सका। इसलिए मेरा भी अंतिम संस्कार वहीं करना जहां अपने पिता का किया था।’ यहीं वजह है की बेटे ने उनका अंतिम संस्कार पटना के गुलबी घाट पर करने का फैसला किया। जहाँ कल यानी 7 नवम्बर को शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार किया जायेगा।