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Post: नारायणी गंडक की 137 वीं महाआरती संपन्न

नारायणी गंडक की 137 वीं महाआरती संपन्न

बगहा से जगमोहन काज़ी की रिपोर्ट :

मुख्य अतिथि निर्माता एचेल थारू ने कहा कि यहां तीन नदियों का संगम है

इस तट पर होने वाली महा आरती में भाग लेना परम सौभाग्य की बात है

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला 

जगमोहन काज़ी

– अमिट लेख

वाल्मीकिनगर, (ए.एल.न्यूज़)। मार्ग शीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर भारत नेपाल सीमा से सटे गंडक नदी के संगम तट पर अवस्थित बेलवा घाट परिसर में 137 वीं नारायणी गंडकी महा आरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

फोटो : अमिट लेख

अंतर्राष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा आयोजित इस महा आरती कार्यक्रम का श्री गणेश मुख्य अतिथि निर्माता एचेल थारू, समाजसेवी संगीत आनंद, संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष अंजू देवी, थरुहट की दिल कुमारी देवी, हिरिमती देवी एवं आचार्य पंडित अनिरुद्ध द्विवेदी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि निर्माता एचेल थारू ने कहा कि यहां तीन नदियों का संगम है। इस तट पर होने वाली महा आरती में भाग लेना परम सौभाग्य की बात है। संस्था के एम.डी सह समाजसेवी संगीत आनंद ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग खतरे की घंटी बजा रही है। हम प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी ने कहा कि ठंड के इस मौसम में भी महा आरती की निरंतरता बनी हुई है। नदिया जीवन दायिनी है ।दिल कुमारी देवी ने कहा कि अगर सच्ची आस्था हो तो मुसीबत में भी राहें आसान हो जाती है। महाप्रसाद की व्यवस्था निर्माता एचेल थारू द्वारा की गई। आचार्य पंडित अनिरुद्ध द्विवेदी ने कथा पूजा एवं हवन द्वारा विश्व शांति की कामना की। श्रीमती हिरिमती देवी ने कहा कि इस संस्थान द्वारा लावारिस दिव्यांग जनों और जरूरतमंदों को दरिद्र नारायण भोज के माध्यम से हर दिन भोजन दिया जाता है जो एक अच्छी पहल है। संस्था के विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में समय-समय पर सहयोग प्रदान करने के लिए फौजी विद्यासागर राणा, वर्ल्ड मीडिया विजन के निदेशक राजेश गुप्ता, समाजसेवी नवरत्न प्रसाद, पीडीएस संघ के अध्यक्ष प्रमोद सिंह , नेपाल के धर्मपाल गुरु वशिष्ठ जी महाराज, नेपाल के पवन भट्टराई, नवरत्न प्रसाद ,लक्ष्मण सोनी, एवं विजय कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम के अंत में पंडित अनिरुद्ध दूबे ने कहा कि मार्ग शीर्ष पूर्णिमा का विशेष आध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्व है। निर्माता एचेल थारू,दिल कुमारी देवी एवं हिरिमती देवी को विशिष्ट कार्य हेतु अंग वस्त्रम द्वारा सम्मानित किया गया।

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