बेतिया डेस्क से विशेष रिपोर्ट :
खबर संकलन के नाम पर थाना व परिसर में करते हैं चौकड़ी
पीड़ितों के समस्याओं और कार्य कराने के लिए बिचौलियों का कार्य हैं करते
कैसे होगी दलालों के बीच तथाकथित दलाल पत्रकारों की पहचान व सख्त कार्रवाई
नहीं होगी कार्यवाही तो क्या रूकेगी दलाल रूपी पत्रकारों की दलाली…?
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
विशेष ब्यूरो
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। पश्चिम चम्पारण के बेतिया अंतर्गत थानों में तथाकथित पत्रकारों की पत्रकारिता थानों के ईर्द गिर्द कुछ अधिकारियों के बीच हो गई है। दिखाने व देखने को तो खबर संकलन ही होता है पर असल मकसद पत्रकारिता के आड़ में कुछ और ही है। जिस भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए बेतिया एसपी ने अपना व कंट्रोल रूम का नम्बर सार्वजनिक कर रखा है, उसपर ग्रहण छद्म रूप धारी पत्रकार ही लगा देंगे। ऐसे कई तथाकथित पत्रकार सुबह होते ही थानों के आस पास चक्कर काटने लगते हैं ताकि कोई पीड़ित या जान पहचान वाले दिख जाए या फंस जाए, जिनका काम कराने का बीड़ा यह छद्म रूप वाले तथाकथित पत्रकार उठा लें और अधिकारियों की संलिप्तता के साथ अपनी दलाली कर लें। कोई पूछे तो साधारण से जवाब दे देना कि खबर के लिए आए थे पर आपको बता दें कि बेतिया पुलिस अपने वाटसअप ग्रूप के माध्यम से घटना व कार्यवाही दोनों की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर देती है फिर भी खबर संकलन थानों से ही करने का औचित्य समझ से परे है।ऐसे लोग अधिकारियों से बिना रिश्तेदारी के भी अधिकारियों को भैया, चाचा और ना जाने किस किस अपनापन वाले संज्ञा से संबोधित कर अपना कद बढ़ाते हैं और दलाली को चमकाते हैं। वहीं तथाकथित कुछ एक पदाधिकारी भी इन संज्ञाओं को सुनकर उनको उच्च कोटि का तरजीह भी दे देते हैं। यानि जो थानों पर बैठकर पत्रकारिता करेगा वहीं पत्रकार आज के समय में माना जाएगा ऐसा भ्रम फैलाया जा चुका है। ऐसे में बेतिया पुलिस व एसपी के लिए छद्म रूप वाले दलालों को खोजना व पकड़ना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है। अतः सीधी अंगूली से घी नहीं बल्कि अंगूली टेढ़ी करने से ही निकलती है। यदि सच में दलालों पर कार्यवाही करनी है तो फिर थोड़ा अंगूली टेढ़ी कर थानों की चौकड़ी करने वालों की गहन समीक्षा कर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता बेतिया पुलिस को भी है।