



बेतिया से उप -संपादक का चश्मा :
इन कार्यों का उद्देश्य गंडक नदी और सहायक धाराओं से सटे गांवों, कृषि क्षेत्र और तटबंधों को क्षरण से बचाना है, ताकि बाढ़ के दौरान जन-धन की हानि को रोका जा सके
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। बिहार सरकार का जल संसाधन विभाग बाढ़ से संभावित खतरे को लेकर लगातार सतर्कता बरतते हुए राज्यभर में पूर्व तैयारी सुनिश्चित कर रहा है। इसी क्रम में पश्चिम चंपारण जिले के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में विभाग द्वारा कुल 13 स्थलों पर कटाव रोधी एवं तटबंध सुरक्षा कार्य सक्रिय रूप से कराए गए हैं। इन कार्यों का उद्देश्य गंडक नदी और सहायक धाराओं से सटे गांवों, कृषि क्षेत्र और तटबंधों को क्षरण से बचाना है, ताकि बाढ़ के दौरान जन-धन की हानि को रोका जा सके। प्रमुख स्थलों पर किए जा रहे कार्यों में न्यू बी.आर.एल. (भिठाहा रिटायर लाइन) तटबंध के 2.940 से 3.150 किलोमीटर तथा सी.आर.एल. (चंदरपुर रिटायर लाइन) तटबंध के 0.300 से 1.200 किलोमीटर के बीच बाढ़ पूर्व 2025 में कटाव रोधी कार्य किया गया है। इसी प्रकार पी.पी.ई. के 32.38 से 35.00 किलोमीटर, 16.10 से 17.10 किलोमीटर और जी.एच.ई. के 0.00 से 6.62 किलोमीटर के विभिन्न हिस्सों में भी कार्य सक्रिय रूप से प्रगति पर हैं। चंपारण तटबंध के 4.5 किलोमीटर पर एवं पीडी रिंग बांध के किमी 0.36 पर तटबंध टूटान बिंदू पर विशेष सुरक्षात्मक कार्य किए गए हैं। धनहा रतवल लेफ्ट गाइड बंध पर पूर्व में किए गए कटावरोधी कार्य का पुनर्स्थापन किया गया है। गंडक नदी के बाएं तट पर स्थित मंगलपुर (44.25 से 45.6 किमी), 5.0 किमी के पास सिंगाही ढाला, 1.50 किमी चेनेज पर घोड़हिया, 42.60 किमी पर पुजहां, तथा सिसवा मंगलपुर — इन सभी स्थलों पर भी कटाव रोकने हेतु कार्य किया गया है। इन सभी कार्यों के माध्यम से जल संसाधन विभाग राज्य को बाढ़ के प्रभाव से सुरक्षित बनाने और तटवर्ती समुदायों को संरक्षित रखने की दिशा में निरंतर संकल्पबद्ध प्रयास कर रहा है।