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सरैया मन बचाने-मछुआरों के रोजीरोजगार के लिए भाकपा माले चलाएगा आंदोलन : सुनील कुमार राव

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा : 

मछुआरों की जप्त नाव, जाल वापस करे वन विभाग : नवीन कुमार

भाजपा-जद(यू)सरकार मछुआरों की रोजी-रोजगार पर हमला बंद करें : सुरेंद्र चोधरी

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चंपारण

मोहन सिंह

–  अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। भाकपा (माले) की बदलो सरकार – बदलो बिहार जनसंवाद नौतन विधान सभा क्षेत्र के बलुआ रम्पुरवा मे हुइ। जिसमें मछली मारकर जीविका चलाने वाले समुदाय के सैकडो महिला पुरूष शामिल होकर भाजपा- जद (यू) सरकार द्वारा ऐतिहासिक सरैया मन मे मछली मारने पर वन प्रमंडल बेतिया द्वारा वन अधिनियम के तहत जबरन झुठा मुकदमा दर्ज कर नाव,जाल जप्त कर जेल तक भेज दिया जाता है।

फोटो : मोहन सिंह

उक्त अवसर पर सभा किया गया।सभा को संबोधित करते हुएभाकपा(माले) नेता सुनील कुमार राव कहा सरैया मन में मछली मारकर जीविका चलाने के लिए मलाही बलुआ, तुमकडिया, सिसवा सरैया, बगही बघम्बरपुर और पतरखा पंचायतो के दर्जनों गांव के हजारों परिवार के लोग अपनी जीविका चलाते है। लेकिन, बेतिया वन प्रमंडल द्वारा जबरन मछुआरों का नाव,जाल जप्त कर जेल भेज रहा है। हाल ही में नंदलाल चौधरी,महेंद्र चौधरी को जेल भेज दिया गया है। इसपर वनप्रमंडल बेतिया रोक लगाए नही तो इसके खिलाफ आंदोलन होगा। माले नेता और मुखिया संघ के अध्यक्ष ने कहा अब तक एक सौ से अधिक नावों को वन विभाग द्वरा जप्त कर लिया गया है। जो नाव बांधकर रखा जाता है उसको भी जप्त कर लिया जाता है। भाकपा माले इसे बर्दास्त नही करेगा।माले नेता सुरेंदृर चौधरी ने कहा अंग्रेजों के दौर में सरैया मन में मछली का शिकार करने के लिए चंपारण के साथ साथ पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश तक के मछुआरे यहा आकर मछली मारकर जीविका चलाते थे। सरैया मन का पानी इंगलैंड की महारानी तक भेजा जाता है। पर, शासन प्रशासन की मछुआरा समुदाय के प्रति उपेक्षा की रवैया की वजह से आज मछली मारने वाले समाज के लोग भुखमरी की सिथ्ति मे है। सरैया मन बचाओ मछुआरा जीविका बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष व माले नेता बाली चौधरी ने कहा शासन प्रशासन के उपेक्षापुर्ण रवैया के खिलाफ भाकपा(माले)मछुआरा समाज के रोजी रोजगार की लडाई लडेगा। उक्त अवसर पर माले नेताओ उमेश मुखिया, अशोक मुखिया, वीरेन मुखिया, नंद किशोर मुखिया, योगेंद्र मुखिया, श्रवण चौधरी, रमेश मुखिया, अर्जुन मुखिया, संजय मुखिया, तुफानी चौधरी, नारायण चौधरी आदि ने अपनी बातें रखी।

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