



बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :
अव्यवस्था और संसाधनों के विवाद से इतर चिकित्सकों की टीम का नहीं गिरा मनोबल
अबोध बालक को सकुशल बचाकर जीएमसीएच ने एक बार फिर जिले का बढ़ाया मान
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चंपारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। पश्चिम चम्पारण के बेतिया स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने आज एक जीवन मरण के बीच गंभीर रूप से दुर्घटना का शिकार हुए अबोध बालक को कुशल पूर्वक बचाकर ना सिर्फ परिवार वालों की खुशियाँ लौटाई है बल्कि दर्जनों विवाद उत्पन्न करने वालों के बीच अपनी कार्यकुशलता और निःस्वार्थ चिकित्सा सेवा का परिचय दिया है।

अति गंभीर परिस्थिति में बच्चा की हालत होने के बावजूद जीएमसीएच ने अपने कुशल टीम के साथ उस बच्चे को पूर्ण रूप से बचा लिया है। हालांकि यह कोई पहला उदाहरण नहीं अपितु ऐसे कई उदाहरण जीएमसीएच के पास हैं। हालांकि इन प्रयासों के बीच कभी-कभार कोई जान चिकित्सकों द्वारा बचाया भी नहीं जा पाता है, वैसे में उसे जन आक्रोश का सामना भी करना पड़ता है। सैकड़ों जान बचायी गयी हो जीएमसीएच के द्वारा पर यदि किसी एक की जान चली जाए तो जीएमसीएच प्रशासन और उसके बन रहे ऊंचे ऊंचे भवनों पर भी सवाल उठ जाता है। योगापट्टी प्रखंड के नरेश यादव के 2 वर्ष के पुत्र अभिनंदन कुमार के मुंह और नाक में घास काटने वाला हसुआ घुस गया और घुसे हालत में उसे जीएमसीएच बेतिया लाया गया।

जहाँ जीएमसीएच प्रशासन ने गंभीर मामले को देखते हुए अविलंब डाॅ शशांक गौरव के नेतृत्व में एक टीम ने अबोध बालक का शल्य चिकित्सा किया। जिसमें टीम ने पूर्ण रूप से सफलता प्राप्त करते हुए बालक को सुरक्षित बचा लिया है। जिसके पश्चात परिवार में खुशी है कि जीएमसीएच ने बिना देरी किए सफल शल्य चिकित्सा के द्वारा उनके आंखों का तारा को बचा लिया है।