



राजधानी पटना से ब्यूरो रिपोर्ट :
डॉ. गुप्ता ने हिंदी दिवस के महत्व पर बोलते हुए कहा कि “यह केवल एक औपचारिक दिवस नहीं, बल्कि अपनी मातृभाषा और संस्कृति को आत्मसात करने का अवसर है
न्यूज़ डेस्क, राजधानी पटना
कार्यालय ब्यूरो
– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। हिंदी दिवस के अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं संसदीय राजभाषा समिति की सदस्य, डॉ. धर्मशीला गुप्ता ने विशेष साक्षात्कार में हिंदी के महत्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों तथा नई पीढ़ी में हिंदी की प्रासंगिकता पर विस्तार से विचार रखे। डॉ. गुप्ता ने हिंदी दिवस के महत्व पर बोलते हुए कहा कि “यह केवल एक औपचारिक दिवस नहीं, बल्कि अपनी मातृभाषा और संस्कृति को आत्मसात करने का अवसर है।” प्रधानमंत्री मोदी जी के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि “प्रधानमंत्री जी ने हिंदी को वैश्विक मंचों पर स्थापित करने का अभूतपूर्व प्रयास किया है। संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी का प्रयोग, टेक्नोलॉजी और प्रशासन में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देना तथा ‘वोकल फॉर लोकल’ के माध्यम से भाषा और संस्कृति को जोड़ना—यह सब उनकी दृष्टि का हिस्सा है।” संसदीय राजभाषा समिति में अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि समिति का उद्देश्य सरकारी विभागों में हिंदी का अधिकतम प्रयोग सुनिश्चित करना है। युवाओं में अंग्रेज़ी के बढ़ते प्रभाव के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि “हिंदी की जड़ें इतनी गहरी हैं कि वह कभी कमजोर नहीं होगी। जरूरत है नई पीढ़ी को यह समझाने की कि अपनी मातृभाषा का ज्ञान ही असली आत्मविश्वास देता है।” बिहार और दरभंगा से अपने जुड़ाव का उल्लेख करते हुए डॉ. गुप्ता ने कहा कि “बिहार की धरती हमेशा से हिंदी साहित्य और संस्कृति की जननी रही है। दरभंगा ने हिंदी और मैथिली दोनों भाषाओं को समृद्ध किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि जन-जन को जोड़ने का माध्यम है। “हिंदी दिवस जनजागरण का अवसर है। हमें हिंदी को सम्मान देना चाहिए और इसे ‘लोकल से ग्लोबल’ बनाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।” इस विशेष वार्ता को पाठकों और श्रोताओं ने बड़े उत्साह से सराहा।