



बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :
जिनको कभी भी समाज से कोइ मतलब नहीं रहा, वे लोग अपने को समाजसेवी कहने से नहीं थक रहे हैं
वहीं सिटिंग विधायकों का चहल कदमी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो गया है
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा मात्र एक सप्ताह रह गई है। ज्यों-ज्यों घोषणा की तिथि नजदीक आ रही है,त्यों त्यों चुनावी पारा चढ़ता जा रहा है और राजनीतिक पार्टीयों की बेचैनी बढ़ती जारही है। इसके साथ ही नये नये टिकतार्थियों की उछलकूद शुरु हो गई है। ऐसे लोग की संख्या भाजपा एवं जन सुराज में अधिक नजर आने लगी है। जिनको कभी भी समाज से कोइ मतलब नहीं रहा, वे लोग अपने को समाजसेवी कहने से नहीं थक रहे हैं। वहीं सिटिंग विधायकों का चहल कदमी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो गया है। बताते चलें कि जो विधायक पिछले 5 सालों में अपने जनता के सुख दुख में सहभागी रहे हैं, वे गांव गांव एवं घर-घर जाकर अपने मतदाताओं से आशीर्वाद ले रहे हैं। ऐसे विधायकों में एक दो व्यक्ति ही नजर आ रहे हैं। इसके अलावा जिन विधायकों का पिछले 5 वर्षों में अपने क्षेत्र के लोगों से कोई खास लेना देना नहीं रहा है, वे अपने क्षेत्र में कार्यकर्ता मीटिंग या किसी आयोजन के माध्यम से ही मुखातिब हो रहे हैं। बात चाहे जो भी हो 2025 विधानसभा की चुनावी संग्राम में जिले के चनपटिया, बेतिया, नौतन एवं नरकटियागंज में महासंग्राम के आसार नजर आ रहे हैं। वहीं नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र से जिले में पहली बार एक किन्नर माया रानी के चुनावी मैदान में ताल ठोकने के साथ ही हड़कंप मच गया है और बड़े-बड़े राजनीतिक दिग्गज सोचने पर मजबूर हो गए हैं।