



अरेराज से हमारे एक प्रतिनिधि की रिपोर्ट :
अवैध वसूली की सूचना पर पर पहुंचे बीडीओ
न्यूज़ डेस्क, जिला पूर्वी चम्पारण
एक संवाददाता
– अमिट लेख
अरेराज, (ए.एल.न्यूज़)। राजकीय उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय रधीया के बच्चों द्वारा एक वीडियो भेज कर अरेराज बीडीओ को दूरभाष पर बताया गया कि विद्यालय में बच्चों से डरा-धमका कर निर्धारित फीस से अधिक लिया जा रहा है। सूचना पर बीडीओ अरेराज आदित्य नारायण दीक्षित द्वारा 15 मिनट में विद्यालय पहुंचने का आश्वासन मिलने पर बच्चे इंतजार करने लगे। श्री दीक्षित द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया गया जिसमें बच्चों द्वारा बताया गया कि विद्यालय के शिक्षक अनुराग कुमार सिंह एवं आदित्य आनंद कक्षा दसवीं एवं 12वीं के परीक्षा फॉर्म में निर्धारित राशि से अधिक राशि ले रहे हैं जिस पर उपस्थित शिक्षक अनुराग सिंह से पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि प्रधानाध्यापक द्वारा कहा गया है कि साइबर चार्ज के रूप में अतिरिक्त राशि लेनी है। बच्चों का आरोप था कि प्रत्येक दिन आने वाले बच्चों से टीसी में 550 रुपए जबकि नियमित नहीं आने वाले बच्चों से ₹620 लिए जाते हैं। बीडीओ ने जाँच में पाया कि कक्षा-10 के बच्चों से परीक्षा फॉर्म के शुल्क के रूप में 1300 रुपये वसूले गए जबकि सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों से 980 एवं एस सी/इबीसी वर्ग के विद्यार्थियों से 865 रुपये लेना था। इसी प्रकार कक्षा 12 के विद्यार्थियों में सामान्य वर्ग में 1560 रुपये एवं एस सी/इबीसी वर्ग से 1300 रुपए वसूले गए जबकि इसका शुल्क सामान्य वर्ग हेतु 1430 एवं एस सी/इबीसी वर्ग हेतु 1170 रुपये निर्धारित है। बच्चों ने बताया कि अधिक फीस मांगने पर अनुराग सर से कहा गया तो उन्होंने कहा कि जहां कम फीस लगती है, वहां जाकर फॉर्म भरवा लो। बच्चों द्वारा इसके साक्ष्य के रूप में एक वीडियो उपलब्ध कराया गया। उपस्थित बच्चों ने बताया कि बच्चों ने बताया कि प्रधानाध्यापक ने कहा है यदि तुम लोग इसका विरोध करोगे तो तुम्हारा करियर खा जाऊंगी और प्रैक्टिकल में नम्बर कटवा दूंगी। इस पर बीडीओ द्वारा बच्चों के सामने प्रधानाध्यापिका से कारण पूछा गया तो प्रधानाध्यापिका बच्चों का सामना नहीं कर पायीं और गलती स्वीकार की गयी। हद तो तब हो गई जब छात्रों ने बताया कि दसवीं की छात्रा के अभावक जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है परीक्षा फॉर्म भरने के लिए ₹200 कम लेकर आए थे तो प्रधान अध्यापिका द्वारा बोला गया कि पढ़ने की औकात नहीं है तो सरकारी विद्यालय में क्यों पढ़ाते हो जिस पर अभिभावक रोते हुए अपने घर वापस चला गया। सुजाता सहित कई छात्रों ने बताया कि इतिहास विषय की परीक्षा 9: 30 बजे से शुरू होने वाली थी लेकिन कुव्यवस्था के कारण 11:00 बजे शुरू किया गया एवं एक एक प्रश्न पत्र से पांच बच्चों को उत्तर लिखने के लिए कहा गया और कॉपी की जगह फटा हुआ पेज दिया गया। उपरोक बातों को सुनते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी आग बबूला होकर सभी शिक्षकों और प्रधानाध्यापिका को कड़ी फटकार लगाते चेतावनी के साथ निर्देशित किए कि 4:00 बजे तक बच्चों की सूची तैयार कर अतिरिक्त राशि वापस करते हुए प्रखंड कार्यालय को लिखित में सूचित करेंगे । श्री दीक्षित ने अपना मोबाइल नंबर बच्चों को देते हुए बताया कि भविष्य में किसी भी प्रकार की असुविधा होती है तो आप लोग इसकी सूचना मुझे दे सकते हैं। इस घोर अनियमितता के लिए दोषी प्रधानाध्यापिका सहित दोनों शिक्षकों से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है। दोषी लोगों पर कार्यवाही हेतु जिला पदाधिकारी को प्रतिवेदन भेजने की बात कही गयी।
वहीं प्रधानाध्यापिका आभा कुमारी ने बताया कि बच्चों द्वारा लगाया गया आरोप निराधार हैं।