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गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की जानकारी निक्षय पोर्टल पर होगा अपलोड

छपरा से हमारे प्रमंडलीय ब्यूरो का संकलन : 

• स्क्रिनिंग के लक्षित समूह के रूप में पोर्टल होगा अपलोड
• सभी कर्मियों को निर्धारित किया गया लक्ष्य

न्यूज़ डेस्क, छपरा/सारण 

संवाददाता

– अमिट लेख

छपरा, (ए.एल.न्यूज़)। जिले में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की स्वास्थ्य निगरानी को और मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। अब इन सभी महिलाओं की जानकारी निक्षय पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड की जाएगी, ताकि टीबी (यक्ष्मा) की समय पर पहचान और स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जा सके। राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशों के बाद जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधकों को कहा गया है कि 1 जनवरी 2025 से अब तक पंजीकृत सभी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं का विवरण तुरंत पोर्टल पर दर्ज किया जाए।

सीएचओ प्रतिदिन 25 माताओं की जानकारी अपलोड करेंगे :

इसके लिए प्रत्येक आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्यरत सीएचओ को प्रतिदिन 25 माताओं का एनरॉलमेंट करने का लक्ष्य दिया गया है। प्रखंड की कुल आबादी के 10% हिस्से को ‘Vulnerable Population’ मानते हुए उनकी प्रविष्टि एक सप्ताह के भीतर पूरी की जानी चाहिए।
ओपीडी समय के दौरान एसटीएस और काउंसलर अस्पतालों में आने वाले 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध, डायबिटीज और हाइपरटेंशन मरीज, गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं, कुपोषित वयस्क और तंबाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों की भी तत्काल स्क्रीनिंग कर उनकी प्रविष्टि निक्षय पोर्टल पर करनी होगी। इन सभी को Vulnerable Criteria के अंतर्गत चिन्हित किया जाएगा ताकि टीबी संक्रमण की समय पर पहचान की जा सके।

अल्ट्रा पोर्टेबल एक्स-रे मशीन की मदद से संभावित टीबी मरीजों की पहचान :

डीपीसी, यक्ष्मा हिमांशु कुमार ने बताया कि सारण जिले में वर्ल्ड विजन संस्था के सहयोग से सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर एक्टिव केस फाइंडिंग (ACF) कैंप लगातार आयोजित किए जा रहे हैं। इन कैंपों में अल्ट्रा पोर्टेबल एक्स-रे मशीन की मदद से संभावित टीबी मरीजों की पहचान की जाती है। कैंप में आने वाले व्यक्तियों का एक्स-रे, ब्लड शुगर, बीपी, बीएमआई और एचआईवी की जांच की जाती है। एआई आधारित एक्स-रे रिपोर्टिंग के जरिए छाती में कोई भी असामान्यता या टीबी के संभावित संकेत दिखने पर तत्काल बलगम की जांच की जाती है और उसी दिन उनकी प्रविष्टि निक्षय पोर्टल पर की जानी अनिवार्य है।

17,699 लोगों का एक्स-रे कराया गया :

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद ने कहा कि जनवरी 2025 से 13 अगस्त 2025 तक कुल 17,699 लोगों का एक्स-रे कराया गया है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि सभी व्यक्तियों की निक्षय आईडी नहीं बनाई गई है। विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही माना है और जिम्मेदार कर्मियों को तत्काल सुधार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी सीएचओ और एसटीएस को यह भी सुनिश्चित करना है कि उनके संस्थान की ओर से लगाए गए सभी ACF कैंप निक्षय पोर्टल के ACF मॉड्यूल में सही तरीके से मैप किए जाएं और जिन व्यक्तियों की जांच हुई है उनकी निक्षय आईडी बनाकर उसमें एक्स-रे रिपोर्ट अपलोड की जाए। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को 17,699 व्यक्तियों की संस्थानवार सूची उपलब्ध करा दी है और निर्देश दिया है कि अगले 10 दिनों के भीतर इनकी पूरी प्रविष्टि निक्षय पोर्टल पर दर्ज कर ली जाए। विभाग ने साफ कहा है कि टीबी उन्मूलन की दिशा में की जा रही इस कार्रवाई में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह सख्त निर्देश इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, वृद्ध और अन्य संवेदनशील समूहों में टीबी संक्रमण का खतरा अधिक होता है। ऐसे में निक्षय पोर्टल पर सटीक और समय पर डेटा अपलोड होने से स्वास्थ्य विभाग को टीबी उन्मूलन अभियान को और प्रभावी ढंग से संचालित करने में बड़ी मदद मिलेगी।

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