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Post: मनोहारी वाल्मिकीनगर का हृदय बना स्वरांजली सेवा संस्थान

मनोहारी वाल्मिकीनगर का हृदय बना स्वरांजली सेवा संस्थान

जिसे कोई नहीं अपनाता उसे अपने आंचल में संजोता है स्वरांजली….?

* भूखे और नगें दिव्यांगजन भोजन और परिधान से होते हैं निहाल….?

* दबे और तिरस्कृत ऐसे समुदाय का उत्थान भी हिचकोले खाने लगा राजनीतिक गलियारे में….?

वाल्मिकीनगर, (नंदलाल पटेल)। अजीब विडंबना ही कहीं जाएगी, कि देश प्रदेश की राजनीति आमजनों के विकास का ढिंढोरा तो पीटते रहता है, पर लोक लुभावन नीतियों के दम खम पर ऐसे लोगों को जनसेवा का मौका जनता जब भी देती है तो बरबस हीं सत्ता लोभी दबे कुचले समाज पर कटार भांजने में संकोच तक नहीं करते। कहते हैं कि भाषण से राशन नहीं मिलता, लेकिन यदि गैर राजनीतिक कोई सोंच अगर दबे कुचले समाज की ओर आकृष्ट होता है तो उसकी लोकप्रियता सहज हीं वैसे लोगों को खटकने लगती है, जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ मुद्दा बनाना और उसकी आड़ में अपनी रोटी सेंकने की होती है। ज्ञातव्य हो कि, अंतर्राष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा 14 नवंबर 2012 से यानी विगत 11 वर्षों से लावारिस दिव्यांग, विक्षिप्त, मानसिक बीमारों और जरुरतमंद लोगों को सुबह शाम घूम-घूम कर निशुल्क भोजन दिया जाता है। ठंड के महीने में गर्म कपड़े और कम्बल आदि भी प्रदान किए जाते हैं। जिन लोगों से अक्सर समाज के लोग  घृणा और नफरत करते हैं। जिन से आम लोग दूरी बनाकर रहते हैं। जो मैले कुचैले कपडे पहने, वर्षों से बिना स्नान किए सड़कों के किनारे भटकते रहते हैं। वैसे लोगों की सेवा का संकल्प सचमुच एक  ऐतिहासिक काम और अति सराहनीय पहल है। ऐसे लोगों की संवेदनाओं को समझना भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।और इस कार्य में लोकप्रिय कलाकार डी. आनंद इनके सुपुत्र समाजसेवी संगीत आनंद समेत इनका  पूरा परिवार एक दशक से ज्यादा समय से लगा हुआ है। इसकी चर्चा आसपास के इलाकों में होती रहती है। उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए भारत नेपाल में उक्त न्यास को कई सम्मान भी प्राप्त हो चुके है।  संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद ने बताया कि ऐसे लोगों की सेवा ही सच्ची सेवा है।  संस्था द्वारा  ऐसे लोगों को हर दिन सुबह शाम  दैनिक चलंत दरिद्र नारायण भोज के माध्यम से भोजन तो दिया जाता ही है। साथ-साथ ठंड के मौसम में इन्हें ठंड से बचाने की भरपूर कोशिश की जाती है। संस्था के संस्थापक डी. आनंद ने कहा कि ऐसे लोगों की सेवा और सहायता काफी चुनौतीपूर्ण है। तरह-तरह के दिव्यांगता के शिकार लोग चौक चौराहों पर भटकते मिल जाते हैं।  कुछ  नए कंबल को  भी फेंक देते हैं, कभी कभी जला  देते हैं । फिर भी कोशिश की जाती है कि इनकी हर संभव सहायता की जाए। संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद ने कहा कि अध्यक्ष अंजू देवी, कोषाध्यक्ष शिव चंद्र शर्मा,  सचिव अखिलानंद, वरिष्ठ सदस्य विजय कुमार,  पवन भट्टराई, शौकत अली,  हैदर अली,वीरेंद्र चौरसिया, विनोद कुशवाहा , विद्यासागर राणा, राव एम. आर. आई सेंटर के डॉक्टर के. एम. राय, वर्ल्ड मीडिया विजन के राजेश गुप्ता, नवरतन प्रसाद एवम् निर्माता-निर्देशक रंजन सिन्हा के प्रति  भी आभार व्यक्त  करते हैं। जो संस्था के सामाजिक कार्यों को अपने अपने माध्यम से समय-समय पर सहयोग प्रदान करते हैं। इधर कुछ वर्षों से यह संस्था जो पूरी तरह से गैर राजनीतिक है किन्हीं व्यक्तिगत कारणों से राजनीतिक पहल के भंवर में अकारण हिचकोले खाने लगी है, जिसका सिर्फ एक प्रमुख कारण संस्था के प्रबंधन समूह के पारिवारिक सदस्य एक सरकारी महकमें में नियुक्त हैं और जिसे इंसान होने के बावजूद अपनी अभिव्यक्ति को जाहिर करने के लिए कानूनी दायित्व को निभाने की मज़बूरी है।

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