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Post: प्रदेश के पीड़ितों की सुधी नहीं और सपना पीएम का

प्रदेश के पीड़ितों की सुधी नहीं और सपना पीएम का

पीएम बनने का सपना लिए देशभर में घूम रहे नीतीश कुमार के पास ओडिशा रेल दुर्घटना में हताहत बिहार के लोगों से मिलने का भी समय नहीं

आगामी चुनावों में कोई नाम लेने वाला भी नहीं होगा : प्रशांत किशोर

✍️ मोहन सिंह, सह-संपादक के साथ दिवाकर पाण्डेय, जिला न्यूज़ ब्यूरो

– अमिट लेख

पटना/मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे में बिहार के 37 लोगों की मौत हो गई। लेकिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी कोई चिंता नहीं। उनका अभी तक का रवैया फर्ज अदायगी जैसा ही है। नीतीश कुमार के इस बेहद असंवेदनशील रवैये पर प्रशांत किशोर ने शनिवार को कड़े शब्दों में नाराजगी व्यक्त की। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे देश में प्रधानमंत्री बनने का सपना लिए घूम रहे हैं, लेकिन उनके पास ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में प्रभावित बिहार के लोगों की मदद करने के लिए समय नहीं है। प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री बनने का सपना लेकर देशभर में घूम रहे नीतीश के पास ओडिशा रेल दुर्घटना में हताहत हुए बिहार के लोगों की मदद के लिए समय नहीं है।” कारोना के बाद भाजपा की मदद से इनको किसी तरह विधानसभा में 42 सीटें मिल गई थीं, अब अगले चुनावों में कोई नाम लेने वाला नहीं बचेगा।” अपने ट्वीट में जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर कहा है कि उक्त हादसे में बिहार के 37 लोगों की मौत हो गई और अभी तक 25 लोग लापता हैं। मरने वालों में मधुबनी के रहने वाले 7 लोग थे।इसके अलावा पूर्णिया के दो, मुजफ्फरपुर के चार, नवादा के दो, पश्चिमी चंपारण के दो, दरभंगा के दो, भागलपुर के तीन और पूर्वी चंपारण जिले के तीन मृतक शामिल हैं। इन मृतकों की मदद में राज्य सरकार कोई भूमिका नहीं निभा रही हैं और ना ही लापता लोगों की तलाश के लिए सरकार ने कोई पहल की है। उक्त जानकारी जन सुराज के मुख्य जिला प्रवक्ता संजय कुमार ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि भाजपा, राजद और कांग्रेस के बिहारी नेता भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

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