



दामोदर नदी घाटी परियोजना अनुग्रह बाबू की देन : गप्पू राय
✍️ दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
मोतिहारी, (ग्रामीण)। जिला कांग्रेस कार्यालय,बंजरिया पंडाल में जिलाध्यक्ष ई० शशिभूषण राय ऊर्फ गप्पू राय के अध्यक्षता में बिहार केशरी डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह की 135 वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर डॉ अनुग्रह नारायण सिंह के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रध्दासुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ई० गप्पू राय ने कहा कि आजादी की लड़ाई में अनुग्रह बाबू का योगदान अहम रहा था। आजादी के बाद से ही जिला से लेकर राज्य के विकास में उनकी अहम भूमिका रही। बिहार के पहले उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रह चुके थे। वे आधुनिक बिहार के निर्माताओं में से एक थे। दामोदर नदी घाटी परियोजना अनुग्रह बाबू की ही देन है, जिससे बिहार के साथ बंगाल एवं नेपाल लाभान्वित होता है। वे गरीबों के हक की लड़ाई लड़ते रहे। कहा कि बिहार विभूति को पहचानने वाले व्यक्ति सर्वप्रथम डा. राजेंद्र प्रसाद थे। उन्होंने अनुग्रह बाबू के अंदर छिपी हुई प्रतिभा को पहचान कर उन्हें बिहार के विकास के लिए आगे आने को प्रेरित किया। वे बहुत बड़े राजनीतिज्ञ थे।
महात्मा गांधी ने चंपारण में हो रहे किसानों पर जुल्मों के विरुद्ध लड़ने हेतु अनुग्रह बाबू को आमंत्रित किया था। उन्हें बिहार में निर्माता के रुप में जाना जाता है। पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेंद्र शुक्ला ने कहा कि अनुग्रह बाबू अपनी इमानदारी और कर्मठता के लिए सदा याद किए जाएंगे। उन्हें व्यवहारिक अर्थशास्त्र का पंडित माना जाता है। मौके पर विजय शंकर पाण्डेय, मुमताज अहमद, विनय सिंह, टुन्नी सिंह, ऋषि सिंह, ओसैदुर रहमान, राहुल शर्मा, नीरज मिश्र, बिट्टू यादव, एकबाल जफिर , नसीम खां सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।