– बाल्मीकि यादव के हत्याभ्युक्तों की गिरफ़्तारी एक माह बीतने तक आखिर क्यों नहीं हो रही
मृतक के पिता सुरेश यादव ने बताया कि बगहा एसडीपीओ कैलाश प्रसाद के द्वारा मुझे 7 दिनों का समय मिला हैं।
– अमिट लेख
पश्चिम चम्पारण, (तिवारी अमित)। बगहा थाना के कांड संख्या 121/20 23 में मृतक के पिता के सुरेश यादव के द्वारा आवेदन के आधार पर 6 नामजद एवं तीन अज्ञात अभियुक्तों के खिलाफ आवेदन दिया गया था। लेकिन, एक माह बीतने के बाद भी प्रशासन के द्वारा लापरवाही को देखते हुए मृतक के पिता सुरेश यादव के साथ सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने हरिनगर से भैरोगंज त्रिवेणी नहर जाने वाली सड़क में जुड़ा चौक पर चारों तरफ से टायर गाड़ी, बांस लगाकर रास्ता को जाम कर दिया। जिसके कारण चारों तरफ गाड़ी की लाइन लग गई, सूचना मिलते ही भैरोगंज थानाध्यक्ष राम उदय एवं चौतरवा थाना थानाध्यक्ष सुरेश यादव मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाना शुरू किया। लेकिन, ग्रामीण किसी की बात सुनने की तैयार नहीं थे। मृतक के पिता सुरेश यादव एवं ग्रामीणों ने बताया कि 23फरवरी 2023 दिन गुरुवार को जुड़ा चौक से भैरोगंज थाने जाने वाली सड़क में थाने से लगभग 900 मीटर की दूरी पर बाल्मीकि यादव की हत्या बड़ी बेरहमी से चाकू गोदकर कर दिया गया था। जिसकी सूचना मिलते ही बगहा एसडीपीओ कैलाश प्रसाद के साथ अन्य थाना की पुलिस पहुंचकर शव को कब्ब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बगहा अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया था। गांव के ही रामाधार यादव एवं दीपक यादव को पुलिस प्रशासन के द्वारा दोनों अभियुक्तों को प्रारंभिक पूछताछ के लिए वरीय पुलिस के निगरानी में लाया गया था। लेकिन, उन्हें छोड़ने की सूचना मिलते ही लोगों ने आक्रोश में आकर जुड़ा चौक पर चारो दिशा से आने वाली सड़कों पर टायर गाड़ी, ट्रैक्टर एवं अन्य समान लगाकर लगभग 6 घंटे तक रास्ते को जाम कर दिया गया। उग्र भीड़ को शांत करने के लिए स्थानीय थाना एवं चौतरवा थाना के साथ-साथ बगहा एसडीपीओ कैलाश प्रसाद मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराकर रास्ते को चालू कराया। मृतक के पिता सुरेश यादव को आश्वासन दिया कि 7 दिन के अंदर में प्रशासन के द्वारा कातिल को पकड़ लिया जाएगा। मृतक के पिता सुरेश यादव के आवेदन के आधार पर छः का नाम दर्ज एवं तीन अज्ञात पर हत्या का आरोप लगाया गया था।मृतक के पिता सुरेश यादव ने बताया कि बगहा एसडीपीओ कैलाश प्रसाद के द्वारा मुझे 7 दिनों का समय मिला हैं। अगर सात दिन के अंदर में अगर प्रशासन के द्वारा मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं कठोर कदम उठाने पर मजबूर हो जाऊंगा।