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बिहार में अब 9 से 4 बजे तक कोचिंग क्लासेस पर रहेगी रोक : के के पाठक

कोचिंग व हॉस्टल संचालक को लेना होगा जीएसटी नम्बर

जिलाधिकारियो को मिला निबंधन रद्द करने का अधिकार

✍️ स्टेट हैड

– अमिट लेख

पटना। शिक्षकों व शिक्षा विभाग के कर्मियों व पदाधिकारियों पर सख्ती व अनुशासन के निर्देश के बाद अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से कोचिंग संस्थाओं के लिए जिला के पदाधिकारियों को नया फरमान जारी किया गया है। जिसके तहत अब कोचिंग के संचालन में भी समय को लेकर कई पाबंदी कर दी गयी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिख कर कहा है कि सुबह नौ से शाम चार बजे तक कोचिंग संस्थानों को कक्षाएं संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाये। जिला अधिकारियों को उनकी ओर से पत्र भेजा गया है। भेजे गये पत्र में कहा गया है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट एक्ट 2020 को कारगर बनाये जाने की जरूरत है ताकि स्कूलों में शिक्षकों व छात्र-छात्रओं की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। कोचिंग संस्थानों पर यह नियम 31 अगस्त, 2023 के बाद से सख्ती से लागू किये जायेंगे। इसके लिए सभी डीएम को अगस्त में तीन चरणों में अभियान चलाने का निर्देश जारी किया गया है। इस संबंध में शीघ्र ही विस्तृत नियमावली जारी की जायेगी। जिसमें डीएम के पास कोचिंग संस्थाओं पर कार्रवाई करने और उनका निबंधन रद्द करने का अधिकार होगा। जब तक नियमावली जारी नहीं की जाती है, तब तक डीएम को चरणवार तरीके से कोचिंग संस्थानों को इसके बारे में आगाह करने का निर्देश जारी किया गया है। इसको लेकर अगस्त में तीन चरणों में अभियान चलेगा। 01 से 07 अगस्त तक जिले के सभी कोचिंग संस्थानों की सूची बनेगी। उसके बाद 08 से 16 अगस्त तक डीएम कोचिंग संस्थाओं के संचालकों की बैठक बुलायेंगे और उन्हें आगाह करेंगे। वहीं 16 से 31 अगस्त के बीच दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करते हुए कोचिंग संस्थाओं का निरीक्षण किया जायेगा। इस दौरान आदेश का उल्लंघन होने पर लिखित चेतावनी दी जायेगी। और फिर 31 अगस्त के बाद कोचिंग संस्थान चेतावनी के बाद भी अपनी गतिविधियों में सुधार नहीं लाते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी। राज्य कर विभाग शहर में चलने वाले कोचिंग और हॉस्टल का सर्वे करेगा। जिस हॉस्टल या कोचिंग की सालाना आय 20 लाख रुपये से अधिक होगी। उन्हें जीएसटी लाइसेंस लेना पड़ेगा और टैक्स के मद में 18 प्रतिशत राशि जमा करना होगा। कई ऐसे बड़े कोचिंग व हॉस्टल हैं, जिनकी सालाना आय 20 लाख रुपये से अधिक है, लेकिन संस्थान का जीसटी नंबर नहीं है। ऐसे संस्थानों का सर्वे कर विभाग उन्हें नोटिस जारी करेगा। जीएसटी नियम के अनुसार ऐसे संस्थानों को सालाना आय से 18 प्रतिशत सेवा कर जमा करना है। यह राशि स्टूडेंट को देनी होगी. अब महानगरों की तर्ज पर शहर में भी इसके लिए अभियान शुरू किया जाना है. मुजफ्फरपुर में बार टैक्सेशन एसोसिएशन संघ के अध्यक्ष प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा कि पिछले दिनों राज्य कर अधिकारियों ने इस संबंध में नोटिस जारी किया था। अब नये नियम के अनुसार संस्थानों को जीएसटी नंबर लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

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