देश आजाद हुआ, लेकिन नही आजाद हुये निषाद,मुकेश सहनी
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
मोतिहारी, (जिला ब्यूरो)। भीआईपी प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा है कि आजादी की लड़ाई में बड़ी संख्या में निषाद समाज के लोगों ने अपनी जान गंवाई लेकिन आज भी निषाद समाज को सही मायने में आजादी नहीं मिल पाई है। आज भी निषादों को हक और अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा पर निकले मुकेश सहनी गुरुवार को मोतिहारी पहुंचे, जहां उन्होंने ये बातें कहीं।
महात्मा गांधी की कर्मभूमि पूर्वी चंपारण पहुंचे सहनी का लोगों ने भव्य स्वागत किया। इस मौके पर लोगों को संकल्प दिलवाने के क्रम में सहनी ने इस धरती को नमन करते हुए कहा कि इसी धरती ने संकल्प की बदौलत गांधी जी को महात्मा बनाया था। आज हम भी संघर्ष का संकल्प ले रहे है और संकल्प निषादों के उज्जवल भविष्य को तय करेगा। सहनी संकल्प रथ पर सवार होकर इसके बाद लाला छपरा चौक, पितांबर चौक केसरिया, हुसैनी बाजार, सेमुआपुर मेला बाजार , संग्रामपुर, बड़ीअरिया बाजार पहुंचे जहां विरती टोला ब्रह्म स्थान के प्रांगण में जनसभा को संबोधित किया। सहनी ने एक बार फिर वीआईपी को समर्थन देने तथा निषादों के आरक्षण के लिए संघर्ष में साथ देने का संकल्प लिया। उन्होंने लोगों में जोश भरते हुए कहा कि आज पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में निषादों को आरक्षण मिल रहा है लेकिन बिहार, यूपी, झारखंड को अब भी यह अधिकार नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि नौ वर्ष के संघर्ष की बदौलत आज बिहार में निषादों की अलग पहचान बनी है अब हमे इसी जोश के साथ संघर्ष करना है कि देश दुनिया में भी निषाद के लोग सिर उठा कर जी सके। इसी के लिए संकल्प लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो संकल्प है वह अभी पूरी तरह पूरा नहीं हुआ है।