बिजली समस्या और अतिक्रमण के मामले में बगहा लोक शिकायत निवारण ने लिया संज्ञान पीड़ितों को मिला लाभ
बीबी बनकटवा के आशुतोष गोस्वामी को बिजली मामले में तो रामनगर के विकलांग प्रभु मिस्त्री को अंचल के कोपभाजन से मिली राहत
ठाकुर रमेश शर्मा की रिपोर्ट :
– अमिट लेख
रामनगर, (प. चंपारण)। लोक शिकायत निवारण बगहा की सक्रियता से आमजनों को सरकारी त्रुटिपूर्ण या बेतरकीब कारगुजारियों से निरंतर फायदा दिलाने के संकेत मिलने लगे हैं। ताज़ा खबर चौतरवा क्षेत्र के बीबी बनकटवा निवासी के साथ हुआ। उस पीड़ित ने बगहा लोक शिकायत निवारण के पहल पर ही अपने समस्या से निजात पाया। मामला यह है की बिजली बिल के खिलाफ शिकायतकर्ता के 36621.00 रूपया का बिल निपटारा 8052.00 रूपया में हुआ। परिवादी आशुतोष गोस्वामी पिता-सुधनीचन्द गोस्वामी, ग्राम-मझौवा कॉलोनी, पो0-बी0बी0 बनकटवा, थाना-चौतरवा, प्रखण्ड-बगहा-1 द्वारा अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय में विद्युत विपत्र सुधार करने के लिए परिवाद दायर किया गया। इस संबंध में सहायक विद्युत अभियंता, विद्युत आपूर्ति अवर प्रमण्डल-बगहा को नोटिस भेजकर प्रतिवेदन की मांग की गई। सुनवाई के तिथि पर सहायक विद्युत अभियंता, विद्युत आपूर्ति अवर प्रमण्डल-बगहा ने आवेदक आशुतोष गोस्वामी के परिवाद के आलोक में इनके विद्युत विपत्र उपभोक्ता संख्या – 132104811329 का जाँच किया गया एवं इनके तकनीकी रूप से त्रृटिपूर्ण विद्युत विपत्र जुलाई-2023 का 36621.00 रूपया था, जिसे सुधार कर 8052.00 रूपया बताया गया जो उपभोक्ता द्वारा देय है। इनके विपत्र में कुल 28568.00 रूपया का सुधार किया गया। सुनवाई के क्रम त्रुटिपूर्ण विद्युत विपत्र भूमि सुधार उप समाहर्त्ता सह अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी (नीरज कुमार दास) द्वारा परिवादी आशुतोष गोस्वामी को हस्तगत कराया गया एवं विधुत विभाग कर्मी बुद्धदेव प्रसाद दास साथ में जिला समादेष्टा एस0 के वर्मा एवं कार्यपालक सहायक प्रभाकर कुमार एवं सभी कार्यालय कर्मी उपस्थित रहे। लगातार बगहा लोक शिकायत निवारण अपने कर्मियों के साथ सराहनीय कार्यों के लिए उपलब्धि हासिल करता नजर आ रहा है।
क्योंकि,रामनगर के विकलांग प्रभु मिस्त्री पिता – तिलक साह के मामले में लोक शिकायत निवारण कार्यालय ने अतिक्रमण मुक्त करने का सक्त आदेश जारी कर दिया है। अब देखना यह है की भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट अनुपालन कितने दिनों में करा पाए हैं या ठंडे बस्ते में डाल देते हैं। क्योंकि रामनगर अंचल आदेश अनुपालन में बहुत ही पीछे रहता है।