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Post: गंडक बराज से छोड़ा गया 2 लाख 31हजार क्यूसेक पानी

गंडक बराज से छोड़ा गया 2 लाख 31हजार क्यूसेक पानी

“जल स्तर फिर बढ़ा”

वाल्मीकिनगर से नंद लाल पटेल की रिपोर्ट :

–  अमिट लेख

वाल्मीकिनगर, (संवाददाता)। इंडो नेपाल सीमा से होकर गुजरने वाली गंडक नदी का जलस्तर 1 लाख 50 हजार से बढ़कर 2 लाख 31हजार क्यूसेक पहुंच गया है।

दरअसल इस मॉनसून सत्र में पिछले हफ्ते का सर्वाधिक 2 लाख 93 हजार तक पहुंच गया था जिसके बाद गंडक नदी किनारे बसे लोग बाढ़ व कटाव की आशंका से सहमे हुए थे। लेकिन धीरे धीरे जलस्तर कम हुआ तो लोगों ने राहत की सांस ली। नेपाल में लगातार हो रही बारिश के बाद एक मर्तबा फिर गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिसके बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर है और गंडक बराज नियंत्रण कक्ष के सभी 36 फाटकों को खोल दिया गया है। साथ हीं अभियंताओं की टीम को 24 घंटे सतत निगरानी में लगाया गया है। संभावना जताई जा रही है की गंडक नदी का जलस्तर और ज्यादा बढ़ सकता है।

नतीजतन जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है और गंडक नदी में नाव के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।

Gandak Barrage Valmikinagar
Date:-13/08/2023
Time:- 08:00 PM

1. No. of Gates:- 36
2. No. of Gates open:- 36
3. Design Pond Level:- 362.00 ft
4. U/S Water Level:- 362.00 ft
5. D/S Water Level:- 354.90 ft
6. Barrage U/S discharge:- 2,34,100 cusecs (R)
7. Last year Barrage U/S discharge of same date:- 1,07,100 cusecs’
8. Barage D/S
discharge:- 2,15,100 cusecs
9. Discharge of E.M.C:- 7000 cusecs.
10. Last year E.M.C discharge of same date:- 7100 cusecs*
11. Last Year E.M.C Maximum Discharge passed:- 7700 cusecs
12. Discharge of W.M.C: 12000 cusec
13. Last year W.M.C discharge of same date:- 14000 cusecs*
14. Last Year W.M.C Maximum Discharge passed:- 14,000 cusecs
15. Saran Main Canal discharge – 1390 cusecs
16. Last year Max. discharge of Saran Main Canal- 3175 cusecs
Nepal territory:-
17) Location – Devghat
18) Water Level- (6.95M)
(WL-7.3,DL-9.0)
19) Discharge- 271500.00 cusecs(R)

क्योंकि गंडक नदी का जलस्तर जब 4 लाख क्यूसेक से ज्यादा पहुंचता है तो बगहा, यूपी, बेतिया, गोपालगंज समेत पूर्वी चंपारण के निचले इलाकों में बाढ़ आने की संभावना बढ़ जाती है। साथ हीं जैसे हीं जलस्तर कम होता है तो कटाव की संभावना प्रबल हो जाती है। जिससे नदी किनारे बसे लोग चिंतित हो जाते हैं।

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