– 20 सितंबर से शुरू होने वाले एमडीए को लेकर बीएलएफटी की बैठक आयोजित
– सभी सहयोगी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर अभियान को बनाया जाएगा सफल
अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो
– अमिट लेख
आरा/भोजपुर। भोजपुर जिले के गड़हनी प्रखंड को फाइलेरिया मुक्त बनाने और सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम को लेकर जिले के गड़हनी पीएचसी में प्रखंडस्तरीय टास्क फोर्स की बैठक संपन्न हुई। इसकी अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने की। बैठक में आगामी 20 सितंबर से शुरू होने वाले एमडीए कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार एवं इसकी सफलता पर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी आपसी सहयोग के साथ काम करें। फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए का कार्यक्रम चलाया जाना है। जिसमें आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोलियां दो साल से कम के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर बाकी सभी को खिलाएंगी। कार्यक्रम में जनभागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले माइक्रो प्लान के अनुसार आपसी समन्वय से कार्य करना होगा। साथ ही, ज्यादा से ज्यादा लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करना है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थान व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करें।
सभी को कराया जाएगा फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन :
बैठक में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. महेंद्र कपुर ने बताया कि विगत दिनों किए गए नाइट ब्लड सर्वे में कई लोगों में फाइलेरिया के लक्षण पाए गए। इसकी रोकथाम को लेकर सभी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जाएगा। कार्यक्रम के तहत शुरुआत तीन दिनों तक स्कूल, संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बूथ लगाकर दवाओं का सेवन कराया जाएगा। उसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स के माध्सम से डोर-टू-डोर जाकर लोगों को दवाओं का सेवन कराया जाएगा। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं से माइक्रो प्लान लिया जा रहा है। गत दिनों आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल के कारण एमडीए की तिथियों को आगे बढ़ा दिया गया है। ताकि, अभियान का लाभ पाने से कोई भी वंचित न रहे। इस अभियान में जनप्रतिनिधियों के साथ प्रखंड के लोगों का भी सहयोग लिया जाएगा। लोगों को जागरूक किया जाएगा कि एमडीए के दौरान खिलाई जाने वाली दवाएं पूर्ण रूप से सुरक्षित एवं प्रमाणित है। स्वस्थ व्यक्ति को भी इसका सेवन करना है। तभी प्रखंड को फाइलेरिया से मुक्त बनाया जा सकता है।
फाइलेररिया रोधी दवाओं का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं :
डॉ. महेंद्र कपुर ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायती राज विभाग, आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, जीविका, पीसीआई समेत सभी सहयोगी संस्थान का कर रहे हैं। ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फाइलेरिया और एमडीए की जानकारी पहुंचाकर उन्हें जागरूक किया जा सके। उन्होंने बताया कि लोगों को बताया जा रहा है कि इस अभियान में दो साल से कम के बच्चों को दवा नहीं खानी है। गर्भवती महिलाओं को नहीं खानी है एवं गम्भीर रूप से बीमार लोगों को दवा नहीं खानी है। इन तीनों वर्गों के लाभुकों को छोड़कर शेष सभी लोगों को दवा खानी है। साथ ही, लोगों को बताया जाएगा कि इन दवाओं का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। यह दवा शरीर में मौजूद माइक्रो फाइलेरिया पर वार करती है। यदि किसी के शरीर में माइक्रो फाइलेरिया मौजूद है, तो उनको थोड़ी परेशानी होने की संभावना है। बैठक में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विवेक कुमार, प्रबंधक अनिल कुमार, बीसीएम प्रकाश कुमार रजक, के अलावा आईसीडीएस विभाग की महिला पर्यवेक्षिकाएं गुंजा कुमारी और शकुंतला देवी शामिल रहीं।