विनय कुमार श्रीवास्तव, बिहार प्रभारी शिष्टमंडल के साथ विधान पार्षद राधा चरण साह से मुलाकात कर, बिहार निमार्ता डाॅ. सचिदानंद सिन्हा की आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग विधान परिषद में उठाने के लिए मिला
अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो
– अमिट लेख
आरा/भोजपुर। बिहार निर्माता डॉ० सचिदानन्द सिन्हा रचना -चक्र बिहार, विनय कुमार श्रीवास्तव, बिहार प्रभारी अपने शिष्टमण्डल के साथ विधान पार्षद राधा चरण साह से मुलाकात कर, बिहार निमार्ता डाॅ. सचिदानंद सिन्हा की आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग विधान परिषद में उठाने के लिए मिला।
बिहार विधान परिषद सदस्य राधा चरण साह जी (अध्यक्ष जिला पार्षद एवं पंचायती राज प्रतिनिधि) से आरा स्थित उनके आवास पर मिला और उन्हें बिहार निर्माता डॉ० सच्चिदानंद सिन्हा की पटना में आदमकद प्रतिया लगाने की मांग विधान परिषद में उठाने के लिए बधाई दिया। पाँच सदस्सीय मंडल में शामिल सचिदानंद रचना चक्र के बिहार प्रभारी विनय कुमार श्रीवास्तव, वकील सिंह यादव, रचना चक्र के जिला संयोजक संतोष श्रीवास्तव, अधिवक्ता आशुतोष पाण्डेय, सचिन सिन्हा (जिला उपाध्यक्ष अ.भा.का.म.स. एवं समाजसेवी), प्रेम राम समाजसेवी सुधीर श्रीवास्तव समाजसेवी ने माननीय विधान पार्षद राधा चरण साह जी से मुलाकात कर उन्हें बधाई देने के साथ-साथ संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष सह विहार निर्माता डॉ सच्चिदानन्द सिन्ह से संबंधित जीवन चक्र का प्रपत्र उन्हें सौपा। साथ ही शिष्टमंडल ने उन्हें डॉ सिन्हा के काम से अवगत कराते हुए कहा कि डॉ. सिन्हा के अथक प्रयास और अनवरत संघर्ष के परिणामस्वरूप ही 22 मार्च 1912 को बंगाल से अलग होकर बिहार का निर्माण एक राज्य के रूप में हुआ। जबकि आज बिहार सरकार 22 मार्च को तो बिहार दिवश धूम-धाम से मनाती है परन्तु विहार के निर्मात डॉ. सिन्हा जी को याद करना भी मुनासिब नही समझती जो समझ से परे है सिन्हा जी ने न केवल बिहार का निर्माण किया बल्कि बिहार विधान परिषद और पटना एमापोर्ट को अपनी नीजि 72 एकड जमीन दान में दे दी, फिर भी आज पूरे बिहार में उनकी एक आदमक प्रतिमा नहीं होना संविधान सभा के प्रथम एवं बिहार निर्माता के साथ ही पूरे बिहार का अपमान है। इन सब बातों को लेकर शिष्टमंडल ने भी साह जी को हार्दिक अभिनंदन करते हुए डॉ सिन्हा जी के आदमकश प्रतिभा लगाने के लिए श्री साह जी के हर संघर्ष मे शिष्टमंडल ने जोरदार आवाज बुलंद करने की बात कही।