सभी प्रशिक्षु आशाओं को प्रशिक्षण व मलेरिया की जांच के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी गई
इसमें रोगी को कपकपी के साथ तेज बुखार, सिर दर्द व अन्य लक्षण दिखाई देता है
– अमिट लेख
मोतिहारी, (दिवाकर पाण्डेय)। जिला को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए रेडक्रॉस भवन में जिले के सताईस में से सतरह प्रखंड के एक सौ चयनित आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। वीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार,सत्यनारायण रांव व रविंद्र कुमार के साथ एलटी संजय कुमार बैठा द्वारा सभी प्रशिक्षु आशाओं को प्रशिक्षण व मलेरिया की जांच के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि मलेरिया बुखार मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इस मादा मच्छर में एक खास प्रकार का परजीवी पाया जाता है। इस मच्छर के काटते ही व्यक्ति के शरीर में प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु प्रवेश कर जाता है। जिसके बाद वह रोगी के शरीर में पहुंचकर उसमें कई गुना वृद्धि कर देता है। इसमें रोगी को कपकपी के साथ तेज बुखार, सिर दर्द व अन्य लक्षण दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि यह जीवाणु लिवर और रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमार बना देती है। वहीँ जिसका ससमय इलाज न मिलने पर यह रोग जानलेवा हो सकता है।वही डीवीबीडीसीओ डॉ शरद चंद्र शर्मा ने कहा कि जिले के मलेरिया प्रभावित चिह्नित गांवों की आशा कार्यकर्ता को जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों को अब जांच के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। रैपिड किट से अब उनके घर पर ही मलेरिया की जांच होगी। आशा कार्यकर्ता अब लोगों के घर पहुंचकर जांच के साथ ही इसके लक्षण, बचाव के उपाय भी बताएंगी। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को सरकार के द्वारा प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।उन्होने कहा कि मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग जरूरी है,साथ ही घर के पास स्वच्छ रखना व जलजमाव की स्थिति पैदा न होने देना चाहिए घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवा का प्रयोग जरूरी है।
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जिले के मलेरिया प्रभावित चिह्नित गांवों की आशा कार्यकर्ता को जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि मलेरिया बुखार मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है
अमिट लेख
मोतिहारी, (दिवाकर पाण्डेय)। जिला को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए रेडक्रॉस भवन में जिले के सताईस में से सतरह प्रखंड के एक सौ चयनित आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। वीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, सत्यनारायण रांव व रविंद्र कुमार के साथ एलटी संजय कुमार बैठा द्वारा सभी प्रशिक्षु आशाओं को प्रशिक्षण व मलेरिया की जांच के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि मलेरिया बुखार मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इस मादा मच्छर में एक खास प्रकार का परजीवी पाया जाता है। इस मच्छर के काटते ही व्यक्ति के शरीर में प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु प्रवेश कर जाता है। जिसके बाद वह रोगी के शरीर में पहुंचकर उसमें कई गुना वृद्धि कर देता है।
इसमें रोगी को कपकपी के साथ तेज बुखार, सिर दर्द व अन्य लक्षण दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि यह जीवाणु लिवर और रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमार बना देती है। वहीँ जिसका ससमय इलाज न मिलने पर यह रोग जानलेवा हो सकता है।वही डीवीबीडीसीओ डॉ शरद चंद्र शर्मा ने कहा कि जिले के मलेरिया प्रभावित चिह्नित गांवों की आशा कार्यकर्ता को जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों को अब जांच के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। रैपिड किट से अब उनके घर पर ही मलेरिया की जांच होगी। आशा कार्यकर्ता अब लोगों के घर पहुंचकर जांच के साथ ही इसके लक्षण, बचाव के उपाय भी बताएंगी। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को सरकार के द्वारा प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।उन्होने कहा कि मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग जरूरी है,साथ ही घर के पास स्वच्छ रखना व जलजमाव की स्थिति पैदा न होने देना चाहिए घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवा का प्रयोग जरूरी है।