



बिहार सरकार के मंत्री मंडल सचिवालय विभाग से निकला ये आदेश/संकल्प प्रखंड स्तरीय प्रशासन और पदाधिकारियों पर बीडीओ के वरीयता को और स्पष्ट एवम संपुष्ट करता है
दिवाकर पाण्डेय,
– अमिट लेख
मोतिहारी, (जिला न्यूज़ ब्यूरो)। बिहार सरकार के मंत्री मंडल सचिवालय विभाग से निकला ये आदेश/संकल्प प्रखंड स्तरीय प्रशासन और पदाधिकारियों पर बीडीओ के वरीयता को और स्पष्ट एवम संपुष्ट करता है। अब पहले कि तरह अन्य पर्यवेक्ष्यीय पदाधिकारी अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे,और उन्हें बीडीओ उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए जवाबदेह बनाएंगे। कार्य में लापरवाही, त्रुटि या विसंगति की स्थिति में बीडीओ को उन्हे निर्देश तथा उनके खिलाफ अनुशासनिक कारवाई के लिए अनुसंशा करने का भी अधिकार दिया गया है। बीडीओ अब माह में न्यूनतम दो बार प्रखंड समन्वय समिति की बैठक बुलाकर सभी पर्यवेक्षिय पदाधिकारियों के कार्य का पर्यवेक्षण करेंगे, अनाधृकित रूप से अनुपस्थित पदाधिकारी के खिलाफ उनके विभागीय प्रधान को अवगत कराने की जिम्मेवारी भी बीडीओ साहब की ही होगी। विगत दिनों में प्रखंड स्तरीय प्रशासन चरमरा सा गया था, आय दिन विभिन्न पदाधिकारियों के मनमानी की शिकायत प्राप्त होती रहती थी। ऐसे में इस संकल्प के माध्यम से सरकार ने सभी पर्यवेक्षक स्तरीय पदाधिकारियों के उनके क्षेत्राधिकार के अंदर कार्य करते हुए उन्हे प्रखंड विकास पदाधिकारी के पर्यवेक्षण में कार्य करने की व्यवस्था बहाल की है। इस व्यवस्था के बहल होने से अब आम जनता को अपने समस्याओं के निराकरण के लिए अनुमंडल व जिला का चक्कर नही लगाना पड़ेगा और प्रखंड में ही उनके समस्याओं का त्वरित निवारण हो सकेगा। सभी विभागों के कार्य के संपादन में बीडीओ की भूमिका एक समन्वयक की होगी।