



शुक्रवार को कोसी का डिस्चार्ज 4 लाख 14 हजार क्यूसेक तक जा पहुचा, इसका सबसे अधिक प्रभाव पूर्वी कोसी तटबन्ध के भीतर बसे गांव में दिखा
मिथिलेश कुमार झा, अनुमंडल ब्यूरो
– अमिट लेख
वीरपुर, (सुपौल)। शुक्रवार को कोसी का डिस्चार्ज 4 लाख 14 हजार क्यूसेक तक जा पहुचा। इसका सबसे अधिक प्रभाव पूर्वी कोसी तटबन्ध के भीतर बसे गांव में दिखा।
जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण घर घर पानी घुस गया। जिससे अफरा-तफरी की स्थिति बन गयी। लोग बीबी बच्चों के साथ जान बचाने के लिए शरणस्थली की तलाश में जुट गए।
छतौनी, परसाहि, दुबियाही, चॉदीप में लोगो को अपने परिवार के साथ जानवरों के जानमाल की सुरक्षा सताने लगी। शुक्र रहा कि शनिवार की सुबह से कोसी नदी का जलस्तर कम होने लगा।
बाढ़ आश्रय स्थलों की स्थिति दयनीय :
सातनपट्टी, पिपराही एवं साहेवन में बाढ़ की स्थिति लोगो को सुरक्षा देने की नीयत से बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण किया गया है। जिसमे आज से 10 साल पूर्व एक करोड़ 35 लाख की लागत खर्च की गई पर रखरखाव के अभाव में यह जर्जर बन गया है। लोग इसमे जलावन रख रहे।मवेशी बांध रहे। कोई इसको देखने वाला नही रह गया है। यह बाढ़ आश्रय स्थल लोगो को बाढ़ की स्थिति में सुरक्षा देने के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।