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Post: आमरण अनशन पर बैठे टोला सेवक

आमरण अनशन पर बैठे टोला सेवक

19 महीने सेवा लेने के बाद कर दिया टर्मिनेट

जनाधिकार पार्टी उतरी समर्थन में

दिवाकर पाण्डेय

–  अमिट लेख
मोतिहारी, (जिला न्यूज़ ब्यूरो)। समायोजन की मांग को लेकर टोला सेवकों ने आमरण अनशन शुरू किया है। आमरण अनशन पर 10 टोला सेवक बैठे हुए है। जिनके समर्थन में जन अधिकार पार्टी के नेता भी अनशनस्थल पर धरना देने के लिए बैठे रहे। मोतिहारी में टोला सेवक की मांग है कि 19 महीनें सेवा लेने के बाद टर्मिनेट किए गए 112 टोला सेवकों को पुनः बहाल किया जाए। जबकि सरकार के निर्देश के बावजूद जिला का शिक्षा विभाग टर्मिनेट किए गए टोला सेवकों के पद को रिक्त रखने के बदले विभाग ने रिक्ति शून्य दर्शाया है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में मोतिहारी में बहाल 112 टोला सेवकों की बहाली नियम को गलत बताते हुए 19 महीना सेवा देने के बाद उन्हें टर्मिनेट कर दिया गया। जिसके बाद चयनमुक्त 112 टोला सेवक हाईकोर्ट गए और कोर्ट ने समायोजन का आदेश जिला के शिक्षा विभाग को दिया। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी टोला सेवकों की बात को सुनने को तैयार नहीं है। लिहाजा, टोला सेवकों ने अपने समायोजन की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गये है। उन्होंने बताया कि जिला के अधिकारी रिक्ति शून्य बता रहे है। बतादें कि वर्ष 2014 में 328 टोला सेवक और तालिमी मरकज का प्रतिनियोजन हुआ था। फिर उन्नीस माह काम करने के बाद 112 तालिमी मरकज और टोला सेवकों के के प्रतिनियोजन को अवैध बताते हुए उसे रद्द कर दिया गया। जिसके खिलाफ तालिमी मरकज और टोला सेवकों ने लगातार आंदोलन किया। प्रतिनियोजन रद्द करने के खिलाफ वे लोग हाईकोर्ट चले गए. मामला हाईकोर्ट में लंबित है। इधर सरकार के स्तर से सभी जिले में पत्र आया कि जिलास्तर पर सामान्य जाति के शिक्षा सेवकों को हटाया गया है. ऐसे अन्य सभी मामले जिनमें चयन,सेवामुक्ति से संबंधित विवाद विचारण हेतु न्यायालय या अन्य सक्षम प्राधिकार के यहां लंबित है। उतने पदों एवं स्थान को सुरक्षित रखते हुए शेष शिक्षा सेवकों का चयन किया जाए। सरकार के निर्देश के अलावा टर्मिनेट किए गए शिक्षा सेवकों के मामला कोर्ट में लंबित रहने के बावजूद जिला के अधिकारी रिक्ति को शून्य बता रहे है।

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