



बोलीं महापौर- नगरपालिका अधिनियम और देश के कानून के अनुसार दशकों से बहते नाले का पानी रोकना दंडनीय अपराध
जन समस्या के समाधान में प्रशासन का सहयोग करने की बजाय राजनीति करने वालों के कृत्य को बताया मानवता के प्रति अपराध
न्यूज़ डेस्क, बेतिया
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। शहर से लेकर पूरे बिहार में डेंगू बुखार के बढ़ते प्रकोप के बीच वार्ड पांच स्थित पक्की फुलवारी मुहल्ले में वर्षों से बहते हुए नाले का पानी रोकने वालों के खिलाफ महापौर गरिमा देवी सिकारिया एक्शन मोड में आ गईं हैं।

महापौर ने बताया कि किसी भी नेचर के जमीन से होकर दशकों से बहते नाले के पानी को किसी के द्वारा भी बंद करना या कराने का कृत्य बिहार नगर पालिका अधिनियम और देश के कानून (आईपीसी) के खिलाफ है। महापौर ने नगर आयुक्त शंभू कुमार को सार्वजनिक नाले के चिन्हित अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध पुलिस प्रशासन की मदद लेकर तत्काल तौर पर कारगर कार्रवाई का अनुरोध किया है। इसके साथ ही श्रीमती सिकारिया ने यह भी कहा कि जन समस्या के समाधान में प्रशासन का सहयोग के बजाय राजनीति करने वाले लोगों के कृत्य को मानवता के प्रति अपराध बताया है। उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास केवल और केवल सकारात्मक राजनीति में है। बावजूद इसके कुछ लोग मेरी लोकप्रियता से चिढ़ कर विरोध की राजनीति की जुगत लगाते रहते हैं। ऐसे लोगों के द्वारा कानून व्यवस्था भंग करने की भी कोशिश को पुलिस प्रशासन ने पूर्व में विफल कर दिया था। नगर निगम महापौर ने यह भी कहा कि जनता जनार्दन की निःस्वार्थ सेवा का फल है कि मुझे नगर निगम की जनता के रिकार्ड मतों से बेतिया नगर निगम की पहली निर्वाचित महापौर बनने का गौरव और सौभाग्य हासिल हुआ है। इस लिहाज से मैं अपने राजनीतिक विरोधियों को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना भगवान से रोज करती रहती हूं। इधर नगर निगम बिहार की शख्स तेवर को देखते हुए नगर आयुक्त ने पार्षदों की उपस्थिति में पक्की फुलवारी का नाला शनिवार को खोल दिया गया है