



दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने का नियम लागू होने के बाद यूपी के शिक्षक अभ्यर्थी बिहार में अपना निवास प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं और वह भी फर्जी तरीके से
न्यूज़ डेस्क, बगहा ब्यूरो
नसीम खान ‘क्या’
– अमिट लेख
बगहा, (जिला ब्यूरो)। बगहा पुलिस जिला के भितहा प्रखंड में फर्जी निवास प्रमाण पत्र निर्गत करने का एक अजीबोगरीब मामला आमने आया है। दरअसल शिक्षक बहाली में बिहार के अभ्यर्थियों को आरक्षण मिलने और दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने का नियम लागू होने के बाद यूपी के शिक्षक अभ्यर्थी बिहार में अपना निवास प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं और वह भी फर्जी तरीके से।

दरअसल बिहार छोड़कर अन्य राज्यों के सभी आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सामान्य मेधा सूची में ही शामिल होंगे। इसी को लेकर यूपी के दुधही निवासी जयप्रकाश वर्मा व अनिल वर्मा का भितहा अंचल कार्यालय से निवास प्रमाण पत्र निर्गत हुआ है। जबकि इन दोनों के नाम से ना तो निवास प्रमाण पत्र वाले गांव में जमीन है और ना हीं घर। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब भुईधरवा पंचायत निवासी दिग्विजय तिवारी, उदय कुर्मी, राजकुमार यादव, शेषनाथ पटेल, बीरेंद्र गुप्ता, संजय यादव इत्यादि ने इस मामले में डीएम को आवेदन लिखा और बताया की भुईधरवा पंचायत के हल्का कर्मचारी व इनके प्राइवेट अटर्नी समेत बीएलओ व भितहा सीओ द्वारा फर्जी तरीके से निवास प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है जिसकी जांच होनी चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत राज भूईधरवा के वार्ड नंबर 6 से निवास प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है जबकि किसी भी वार्ड में ना तो इनकी जमीन है और ना हीं किसी तरह का घर। ये दोनों सगे भाई यूपी के कुशीनगर जिला में दुदही के निवासी हैं। आरोप है कि इन लोगों ने रिश्वत देकर भितहा अंचल के भुईधरवा का अवैध निवास प्रमाण पत्र निर्गत करा लिया है । इसके पूर्व की शिक्षक बहाली में अनिल वर्मा यहां से निवास प्रमाण पत्र बनवाकर शिक्षक के रूप में गोपालगंज जिला में कार्यरत हैं। इस बार इनके भाई जयप्रकाश वर्मा भी निवास प्रमाण पत्र निर्गत करा चुके हैं। हालांकि जब इस मामले की शिकायत डीएम को मिली तो उन्होंने एसडीएम बगहा को जांच कराने का निर्देश दिया। लेकिन हैरत की बात यह है की एसडीएम ने इस मामले की जांच उसी सी ओ को दी जिस पर नजराना लेकर निवास प्रमाण पत्र निर्गत करने का आरोप है। लिहाजा दुबारा शिकायतकर्ताओं ने डीएम से मुलाकात की और पूरा मामला बताया जिसके बाद एलआरडीसी को मामले की जांच दी गई है। इधर भितहा सीओ अबू अफसर से जब इस मामले पर पूछा गया तो उन्होंने गोल मटोल जवाब देते हुए कहा कि राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन के आधार पर ही निवास प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है। यहां के कुछ लोगों ने एसडीएम बगहा को भी आवेदन दिया है। उनके स्तर से जांच की जा रही है। बतादें की इस मामले से जुड़ा एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिस ऑडियो में कर्मचारी के अटॉर्नी द्वारा किसी अन्य शिक्षक अभ्यर्थी का निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पहले एडवांस रकम देने की बात की जा रही है। इस बाबत पूछने पर भी भितहा के अंचल अधिकारी अबु अफ़सर कैमरे के सामने बोलने से इंकार कर दिया और कहा की इसका क्या प्रमाण है की ऑडियो में बात कर रहा व्यक्ति किसी का अटॉर्नी है। फिलहाल भूईधरवा पंचायत में फर्जी निवास प्रमाण पत्र का मामला काफी गरम है और यहां के कुल 10 वार्ड सदस्यों में से 7 वार्ड सदस्यों और बीडीसी ने यह प्रमाणित कर डीएम को दिया है की उक्त निर्गत निवास प्रमाण पत्र के लोगों का इस पंचायत में निवास स्थान नहीं है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी की प्रशासनिक जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो पाता है या नहीं। क्योंकि शिकायतकर्ताओं का आरोप है की इसके लिए मोटी रकम ली गई है।