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Post: केन्द्रीय गृह मंत्री के बिहार दौरे के पीछे सीटों के गणित की स्ट्रेटजी

केन्द्रीय गृह मंत्री के बिहार दौरे के पीछे सीटों के गणित की स्ट्रेटजी

चंपारण के दोनों संसदीय क्षेत्र का कर चुके हैं 25 फ़रवरी को दौड़ा

आज झंझारपुर पहुंच रहे हैं गृह मंत्री अमित शाह

मिथला के झंझारपुर में जन सभा को करेंगे सम्बोधित

न्यूज़ डेस्क, पटना ब्यूरो

पूजा शर्मा

– अमिट लेख

पटना, (कार्यालय ब्यूरो)।  बीजेपी के चाणक्य मानें जानेवाले देश के गृह मंत्री  अमित शाह बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद छठी बार बिहार का दौरा करने जा रहे है। आज झंझारपुर में जनसभा करेंगे तो वहीं अररिया के जोगबनी में इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के पास बॉर्डर गाइड फोर्सेज के लिए बनाए गए आवासीय भवन का उद्घाटन भी करेंगे। विशेष रूप से सबकी नजर झंझारपुर में आयोजित जनसभा पर है। आगामी 2024 के  लोकसभा चुनाव को लेकर अमित शाह की बिहार पर खास नजर है। नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद सीमांचल और मिथिलांचल को साधने में लगे है, भाजपा के चाणक्य। मिथिलांचल में 6 लोकसभा की सीटें हैं, जिसमें से चार सीट पर जदयू का कब्जा है। वही बीजेपी के दो सांसद हैं। खास बात यह की आज जहाँ गृह मंत्री पधार रहे हैं वह झंझारपुर की सीट बहरहाल जदयू के पास है। झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र में जनसभा कर अमित शाह मिथिलांचल के 6 लोक सभा सीटों को साधने की कोशिश करेंगे। भगवा दल ने अपनी पूरी ताकत यहाँ झोंक दी है। भाजपा नेता यहाँ का दुर्ग तोड़ने का दावा भी कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज 16 सितंबर को बिहार दौरे पर आ रहे है। पार्टी ने पहले हुए जनसभा से कही ज्यादा मिथिलांचल की जनसभा को सफल बनाने में पूरी ताकत लगाई हुई है। मिथिलांचल में झंझारपुर के अलावा मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी और सुपौल 6 लोकसभा सीटें है। जिसमें से बीजेपी का अभी दरभंगा और मधुबनी पर ही कब्जा है। बिहार बीजेपी ने 10 ऐसी लोकसभा सीटों का चयन किया है जिस पर चुनौतियां अधिक है। यह सीट है कटिहार, मुंगेर, पूर्णिया, किशनगंज, नवादा, गया, सुपौल, वैशाली, वाल्मीकिनगर और झंझारपुर। अमित शाह झंझारपुर में तो जनसभा करेंगे हीं लगे हाथ इसके साथ ही सीमांचल के अररिया में भी एक कार्यक्रम कर रहे है। यानी एक साथ मिथिलांचल और सीमांचल को साधने की कोशिश इस बार भाजपा द्वारा की जा रही है। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह ने पहले 24 सितंबर 2022 को सीमांचल में ही दौरा किया था। सीमांचल के पूर्णिया में बड़ी जनसभा की थी। सीमांचल में लोकसभा की चार सीटें हैं और विधानसभा की 24 सीटे। बताते चले कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ अररिया लोकसभा सीट पर सफलता पाई थी। जबकि पूर्णिया और कटिहार जदयू के खाते में गई थी, और किशनगंज कांग्रेस ने जीता था। पिछले चुनाव में जदयू का साथ ले बिहार के सीमांचल में लोकसभा चुनाव का आगाज कर अमित शाह ने बंगाल और झारखंड को भी मैसेज देने की कोशिश की थी। इसके अलावा कोसी का इलाका भी पूर्णिया से नजदीक है। कोसी के सहरसा, सुपौल और मधेपुरा सीट पर भी बीजेपी की पैनी नजर है। 25 फरवरी को इसी साल अमित शाह ने वाल्मीकिनगर के लौरिया में जनसभा की थी। चंपारण की दोनों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। चंपारण में 21 विधानसभा की सीट है। जिसमें से 15 पर भाजपा ने कब्जा जमा रखा है। आरजेडी को तीन, जदयू को दो और माले को एक सीट मिली थी। यानी चंपारण सीट पर भाजपा का दबदबा साफ दिखता है। शायद यहीं कारण मुख्य भी है की केन्द्रीय गृह मंत्री के इस विशेष आगमन के मद्देनज़र बिहार की पूर्व सीएम रेणु देवी राज्य सभा संसद सतीश दुबे के साथ इस विशेष दिन सूबे के एक नंबर संसदीय क्षेत्र वाल्मीकिनगर में गत दिवस से कैंप किये हुए हैं। उल्लेखनीय है कि अमित शाह का इस साल 2 अप्रैल को सासाराम और नवादा में जनसभा होना था। सासाराम में रामनवमी जुलूस के कारण हुए हंगामा के बाद जनसभा रद्द करना पड़ा। लेकिन नवादा में अमित शाह ने बड़ी जनसभा की नवादा में जनसभा कर अमित शाह ने मगध को साधने की कोशिश की थी।

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