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Post: श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला में छिपा है संदेश : विदुषी कृष्णा सुनैना

श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला में छिपा है संदेश : विदुषी कृष्णा सुनैना

सुरीले कंठ से भजन सुनकर मंत्रमुग्ध होकर झूमने लगे श्रोता

झमाझम बारिश के बीच श्रद्धालु भक्ति रस में डुबकी लगाने को विवश हो गए

न्यूज़ डेस्क, सुपौल ब्यूरो 

संतोष कुमार, अनुमंडल ब्यूरो

–  अमिट लेख

त्रिवेणीगंज, (सुपौल)। मुख्यालय बाजार के गांधी पार्क में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के लगातार प्रवचन एवं भजनों की अमृत बर्षा से त्रिवेणीगंज भक्ति के बयार में बह चला।

फोटो : संतोष कुमार

झमाझम बारिश के बीच श्रद्धालु भक्ति रस में डुबकी लगाने को विवश हो गए। गणेशोउत्सव के मौके पर गांधी पार्क में आयोजित श्रीमदभागवत कथा में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। बाराबंकी से पधारी विदुषी कृष्णा सुनैना दीदी ने श्रीमदभागवत कथा के छठवें दिन रविवार को अपने सारगर्भित प्रवचन में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी लीला हो या गोपियों के वस्त्र चोरी करने की लीला।

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प्रत्येक लीला में एक संदेश छिपा है। वह चोरी करके भी महान हुए क्योंकि चोरी के बाद भी उनका भाव चोरी का नहीं था। कल युग में मूर्ख मनुष्य भगवान की लीलाओं को नहीं समझ सकता। भगवान की लीलाओं को समझने के लिए भक्त बनना जरूरी है ।और भक्ति में गोपियों वाले भाव को जाग्रत कर ही हम भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को समझ सकते है। गोवर्धन पूजा की लीला का प्रसंग सुनाते हुए कथा वाचक ने कहा कि भगवान इंद्र को महाशक्तिशाली होने का घमंड हो गया था।

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भगवान होकर भी जब उन्हें अपने बल का अभिमान हुआ तो भगवान श्रीकृष्ण ने बाल अवस्था में भी 7 दिन अपनी अंगुली पर गिरिराज को धारण किया। 7 दिन तक हुई मूसलाधार बारिश से पूरे ब्रज में इंद्र जब ब्रज वासियों को कोई हानि नहीं पहुंचा पाए। विदुषी ने कहा कि जब मुसीबत साथ होती है तब भगवान की कृपा सिर पर होती है। कृष्ण जन्म से पहले वासुदेव और देवकी घोर संकट में थे। दुष्ट कंस ने एक एक कर देवकी के छह पुत्रों की हत्या की। अनुमान लगाइए उस मां पर क्या गुजरी होगी। विदुषी ने कहा कि मनुष्य की कठिन परिस्थितियों में भी ईश्वर साथ देता है। उन्होंने कहा कि यदि मनुष्य के जीवन से सत्य चला गया तो विनाश होगा। इसलिए जीवन को सुधारने के लिए तीन बातें ध्यान में रखनी होगी। पहली बात पर विदुषी ने कहा कि जिस इंसान ने अपने जीवन में आसन सीख लिया हो, दूसरी बात जिसने आसन को जीत लिया हो और तीसरी बात जिसने अपनी इंद्रियों को वश में कर उन्हें जीत लिया हो वहीं अपने जीवन पर विजय प्राप्त कर सकता है। कहा कि परमात्मा को पाने के लिए निर्मल मन होना चाहिए। विदुषी ने कहा कि यशोदा शब्द का अर्थ है यश ददाति यशोदा यानि कि जो दूसरों को यश देती है। कथा के माध्यम से बताया कि यशोदा ने कृष्ण को जन्म दिया तो रोहिणी की गोद में डाल दिया और कहा कि यह हमारा नहीं तुम्हारा लाल है। भागवत कथा के दौरान संगीत की लहरियों पर जब विदुषी ने अपने सुरीले कंठ से भजन सुनाए तो श्रोता मंत्रमुग्ध होकर झूमने लगे। कथा के दौरान बप्पा पूजा सेवा समिति के अध्यक्ष मुकेश सिंह,सचिव मनीष सिंह ,पवन गुप्ता,कोषाध्यक्ष मनोज भगत,वैदिक सोनू झा,गुड्डू पोद्दार,अभिषेक गुप्ता, मंदा गुप्ता, सोनू गुप्ता, चन्दन गुप्ता,जयप्रकाश पोद्दार, मुकेश सिंह,रामोतार साह, अजित कुमार गुप्ता, अनिल सिंघल, अमित साह, सोनू भगत, अभिषेक गुप्ता, चंदन गुप्ता, अरविंद कुमार, आशा देवी, किरण भारती,मोहित सिंह, शुभम चौखनी, रवि गुप्ता, मनोज सोनी आदि मौजूद रहें।

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