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Post: छात्र की मौत के बाद हंगामा, अज्ञात वाहन चालक पर मृतक के चाचा ने कराया प्राथमिकी दर्ज

छात्र की मौत के बाद हंगामा, अज्ञात वाहन चालक पर मृतक के चाचा ने कराया प्राथमिकी दर्ज

छात्र की मौत पर दिनभर पंचायती होते रहा, इधर मृतक के परिजनों ने पंचायत समिति सदस्य पर हत्या का आरोप लगाते हुए उसे पकड़कर 112 नंबर की पुलिस बुलाकर उसे सुपूर्द कर दिया

न्यूज़ डेस्क, मोतिहारी ब्यूरो

–  अमिट लेख

तुरकौलिया। छात्र की मौत पर दिनभर पंचायती होते रहा। इधर मृतक के परिजनों ने पंचायत समिति सदस्य पर हत्या का आरोप लगाते हुए उसे पकड़कर 112 नंबर की पुलिस बुलाकर उसे सुपूर्द कर दिया। पंचायती में मामला हल होने पर पुलिस ने पंसस को शाम में छोड़ दिया। सड़क दुर्घटना में माधोपुर के सोबर्द्धन महतो का 16 वर्षीय पुत्र आदित्य कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसकी मौत इलाज के दौरान हो गई। घटना मोतिहारी कोटवा मुख्य पथ पर माधोपुर मठ के समीप की है। घटना को लेकर मृतक आदित्य के चाचा गोवर्धन महतो ने थाना पर आवेदन दिया है। जहां उसने बताया है कि उसका भतीजा शाम में जोलगांवा गांव से आ रहा था। इसी दौरान किसी अज्ञात बाइक चालक ने उसे ठोकर मारकर गंभीर रूप से घायल कर भाग गया। उसके शव को लाकर रात में घर पर रखा गया था। सूचना पर पुलिस आई और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोतिहारी भेज दिया। इधर रविवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर मृतक के परिजनों को सौंप दिया। वही इस घटना को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। यहां बताते चले कि शनिवार की रात में मृतक की परिजनों को सूचना मिली की आदित्य का शव सड़क किनारे एक निजी अस्पताल के पास पड़ा हुआ है। खबर मिलते ही परिजन आकर देखें और पुलिस को सूचना दिए। सुबह में मथुरापुर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य अशोक यादव पर परिजनों ने आरोप लगाया की आदित्य की मौत के पीछे पंसस का हाथ है। चुनावी रंजिश को लेकर उसकी हत्या की गई है। इतना ही नहीं मृतक के परिजनों ने पंचायत समिति सदस्य अशोक यादव जो अपने निजी अस्पताल पर थे। वहां से उनको पकड़ कर 112 नंबर की पुलिस को बुलाकर मृतक के परिजनों ने पुलिस को सुपूर्द कर दिया। जहां पुलिस ने अपने अभीरक्षा में लेकर अशोक यादव को सुबह से लेकर शाम तक थाना पर बैठाए रखा। इसी बीच मोतिहारी कोटवा पथ को घंटों जाम किया गया था। जहां थानाध्यक्ष अनील कुमार ने समझा-बुझाकर जाम समाप्त करवाया। सड़क जाम दोनों पक्षों के तरफ से किया गया था। मृतक पक्ष के परिजन मांग कर रहे थे कि पंचायत समिति सदस्य को नही छोड़ा जाए। उनको जेल भेजा जाए। उसने आदित्य की हत्या की है। वही दुसरे पक्ष मांग कर रहे थे कि पंसस को छोड़ा जाए। उन्हें जेल नही भेजा जाए। वह निर्दोष हैं। मौत से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इसी बीच खूब हाई वोल्टेज ड्रामा चलते रहा। मृतक के परिजनों और अशोक यादव के समर्थकों के बीच लगभग दिन भर पंचायती चलते रहा। पंचायती द्वारा मामला को हल कर दिया गया। इसके बाद मृतक के चाचा गोवर्धन महतो ने थाना पर आवेदन दिया कि आदित्य के मौत के पीछे किसी का हाथ नहीं है। बल्कि उसने अपने आवेदन में साफ-साफ बताया है कि उसके भतिजा आदित्य की मौत एक अज्ञात बाइक चालक के ठोकर मारने से हुई है। इसलिए अज्ञात बाइक चालक के ऊपर प्राथमिक दर्ज कर कार्रवाई की जाए। इधर पूरे क्षेत्र में इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लोगों का कहना है की पंचायती के माध्यम से पैसा तय करके मृतक के परिजनों को देकर मामला रफा-दफा कर दिया गया है। साथ ही पंचायती में यह भी तय हुआ है कि मृतक के परिजन थाना में आवेदन दे दें कि मौत अज्ञात वाहन की ठोकर से हुई है। इसके बाद पंचायत समिति को पुलिस छोड़ देगी। आखिरकार ऐसा ही हुआ है। दिनभर थाना पर बैठाने के बाद आवेदन मिलते ही पुलिस ने उसे छोड़ दिया। पंसस को दिनभर थाना पर बैठाए रखने को लेकर इलाके में चर्चाओं का बाजार भी दिनभर गर्म रहा। बहरहाल मौत के पीछे जो भी कारण रहा हो लेकिन आदित्य की मौत एक अनसुलझी गुत्थी बनकर रह गई है। शायद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इसका खुलासा हो सकेगा कि उसकी मौत सड़क दुर्घटना में हुई है या उसे मार डाला गया है।

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