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Post: ईद ए मिलाद उन नबी के मौके पर जलसा सिरतुन नबी का प्रोग्राम किया गया

ईद ए मिलाद उन नबी के मौके पर जलसा सिरतुन नबी का प्रोग्राम किया गया

प्रखंड क्षेत्र के जदिया थाना अंतर्गत पंचायत फुलकाहा में बुधवार की रात नूरानी मस्जिद में ईद ए मिलादुन नबी के मौके पर जलसा सिरतुन नबी इजलाश का आयोजन किया गया

न्यूज़ डेस्क, सुपौल ब्यूरो

संतोष कुमार, अनुमंडल ब्यूरो

– अमिट लेख

त्रिवेणीगंज, (सुपौल)। प्रखंड क्षेत्र के जदिया थाना अंतर्गत पंचायत फुलकाहा में बुधवार की रात नूरानी मस्जिद में ईद ए मिलादुन नबी के मौके पर जलसा सिरतुन नबी इजलाश का आयोजन किया गया। जलसा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आखिरी नबी ने नेक रास्ते पर चलने की हिदायत देकर एक-दूसरे के साथ अच्छा बर्ताव करने एवं भाईचारे को बढ़ावा देने अथवा महिलाओं को उनका हक व सम्मान देने का पैगाम दिया। साथ ही अपने जीवन में ऐसा करके दिखाया। और बताया कि ईद मिलादुन्नबी इस्लाम के इतिहास का सबसे अहम दिन माना जाता है।

फोटो : संतोष कुमार

पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्म इस तीसरे महीने के 12वें दिन हुआ था। कहा कि ईद मीलादुन्नबी के साथ-साथ इस दिन को बारावफात भी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के साथ वफात यानी कि मौत भी हुई थी। दुनिया को अलविदा कहने से पहले पैगम्बर मोहम्मद बारह दिन तक बीमार रहे थे। 12वें दिन उन्होंने इस दुनिया को जाहिरी तौर पर अलविदा कह दिया था। और इत्तेफाक से उनका जन्म भी आज ही के दिन हुआ था। इसलिए इस दिन को बारावफात के नाम से भी जाना जाता है। इस मौके पर जमीयत उल कासिम दारुल उलूम इल इस्लामिया जिला मधुबनी से एचएम मुफ्ती मोहम्मद अंसार कासमी ने कहा कि मुहम्मद साहब की तालीम यह है कि शराब और हर ऐसी चीज जो नशा पैदा करे उससे बचाया जाय यही वजह है कि शराब को तमाम बुराइयों का जर कहा गया है। आज जरूरी है कि समाज को इससे से बचना चाहिए इस तरह ये भी तालीम है कि अपने औलाद की देख रेख की जाय जैसे एक चरवाहा जानवर की हिफाजत करता है इसी तरह हम भी अपने औलाद की पूरी निगरानी करें। कहा कि आखरी नबी के बताये मार्ग पर सभी को चलने की जरुरत है। कहा की मुसलमान कुरान के बताए हुए रास्ते पर चलकर समाज और देश के लिए नमूना पेश करे। वहीं शायरो ने एक से बढ़कर एक शायरी और नाते गजल के माध्यम से उर्दू की खूबसूरती को रेखांकित किया। इस अवसर पर मकतब इशाती के नाम से एक स्कूल की शुरुआत की गई। मुफ्ती मुहम्मद अंसार कासमी ने शिक्षा के महत्व को समझाते हुए कहा कि इल्म हासिल करना हर मुसलमान का फर्ज है। जरूरी है कि स्कूल व्यवस्था व्यवस्थित हो और गांव-मोहल्ले का हर बच्चा शिक्षा में हिस्सा ले। कार्यक्रम में शायर कारी लुकमान, शायर शाहिल उम्र, सिमरी बख्तियारपुर , एलोनसर लुत्फुर रहमान , मुफ्ती अब्दुल कयूम, नूरानी मस्जिद के इमाम हाफिज इश्तियाक, मौलाना जुबेर, पूर्व मुखिया मो यूनुस रहमानी, समिति सदस्य मो जमील, सादिक हुसैन, मास्टर अब्दुल कुदुश, मो सलाम, मो मुस्तफा, मो इदरीश, मो मुस्लिम ,मो० मनीफ ,मो० यूनुस , मोहम्मद यूनुस ड्राइवर आदि मौजूद थे।

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