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Post: बिहार सरकार की मजदूर विरोधी नियति के खिलाफ सूबे में धरना पर बैठे हजारों कर्मचारी

बिहार सरकार की मजदूर विरोधी नियति के खिलाफ सूबे में धरना पर बैठे हजारों कर्मचारी

स्वच्छ भारत मिशन के सभी कर्मचारियों को अविलम्ब काम पर वापस लो : रवीन्द्र कुमार ‘रवि’

विज्ञापन संख्या 02/23 को हटाते हुए नगर निकाय के हजारों संविदाकर्मी डिप्रेशन में न आयें, इसे शीघ्र रोकें सरकार : बमवा

धरना पर बैठे नगर निगम के नगर प्रबंधक अरविंद कुमार द्वारा यह कहे जाने पर की कर्मचारी खुद को सुसाइड कर लें पर कर्मियों में आक्रोश है इस पर नगर प्रबंधक पर कार्रवाही हो : बामवा

मांगे नहीं माने जाने पर 16 अक्टूबर से बेतिया नगर निगम का अनिश्चितकालीन चक्का जाम और जेल भरो अभियान चलाया जायेगा : मुन्नी देवी (अध्यक्ष)

पंचम, षष्ठम वेतनमान का अनुमोदन स्थानीय स्तर पर हो : हरेंद्र राउत

नगर निगम में हुयें करोड़ों की अनियमितता की जांच सीबीआई से कराओं : बमवा

न्यूज़ डेस्क, बेतिया

–  अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। बिहार म्युनिसिपल वर्कर्स एसोसिएशन की राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस के तहत नगर निगम, बेतिया के सैकड़ों कर्मचारी सरकार के विरोध में गगनभेदी नारें लगाते हुये निगम के मुख्य गेट के सामने धरना पर बैठ गयें। राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस पर, बिहार म्युनिसिपल वर्कर्स एसोसिएशन (बमवा) के जनरल सेक्रेटरी कॉमरेड रवीन्द्र कुमार ‘रवि’ ने बताया बिहार सरकार की मजदूर विरोधी और हठधर्मिता को लेकर राज्य के नगर निकायों के 45 हजार कर्मचारी आज एकदिवसीय प्रतिवाद दिवस अपने निकायों में सफाई के काम-काज ठप कर धरना पर बैठे हैं। राज्य के सफाई कर्मचारियों द्वारा एकदिवसीय आन्दोलन को ऐतिहासिक बताया। जनरल सेक्रेटरी ने कहा की कर्मचारियों की लंबित 11 सूत्रीं मांगों पर हुए समझौते, माननीय उच्च न्यायालय,पटना का आदेश दिनांक 27 अक्टूबर 2022 एवं दिनांक 09 सितम्बर 2022 को श्री तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री सह मंत्री नगर विकास एवं आवास विभाग,बिहार सरकार के आश्वासन पर अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त करने के बावजूद मांगों की पूर्ति हेतु समुचित कार्यवाही नहीं किये जाने के चलते निकाय के कर्मियों में भारी रोष एवं असंतोष व्याप्त है। आगे उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नगर निकायों में पहली बार नियुक्ति के लिए विज्ञापन संख्या 02/23 को निकाल सरकार वर्षों से कार्यरत संविदा पर द्वितीय और तृतीय वर्ग के हजारों कर्मियों को डिप्रेशन में ला दी है,उसे इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का विज्ञापन संख्या 02/23 को रद्द करने की मांग की। महासचिव ने कहा कि बेतिया नगर निगम में सितम्बर 2019 से स्वच्छ भारत मिशन के मातहत डोर टू डोर कचरा संग्रह करने वाले प्रत्येक वार्डों के लिए चार-चार कर्मियों को लगायें गयें थें। वें सभी सैकड़ों कर्मचारी नगर निगम का अति महत्वपूर्ण स्तंभ हैं,जिन्हें नगर आयुक्त शम्भू कुमार और पाथ्या एनजीओ के संचालक की मिलीभगत से हटा दियें जाने पर काफी नाराजगी व्यक्त करते हुयें कहा की निगम प्रशासन की ओर से उनकी समस्याओं के बारे में गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा है और उनकी घोर उपेक्षा की जा रही है। इस सत्य को निगम प्रशासन को स्वीकार कर लेना चाहिए। निगम के वर्तमान में सभी कर्मचारियों में काफी रोष एवं असंतोष व्याप्त है। आगे उन्होंने जोर देकर कहा की बेतिया नगर आयुक्त और पाथ्या एनजीओ द्वारा ऐसे घिनौना जुल्म का मामला मानवाधिकार तक पहुंचाया जायेगा। कॉमरेड रवींद्र वतौर बेतिया नगर निगम में आउटसोर्स कर्मियों के रूप में करीब 500 श्रमिक कार्यरत हैं। उनके शोषण की कोई सीमा नहीं रह गई है। इन्हें काम पर रखने-निकालने पर भी इनका दोहन होता है। निर्धारित मजदूरी भी इन्हें नहीं दी जाती है। समय पर वेतन भी नहीं मिलता है और ईएसआई/पीएफ के अंशदान की कटौती उनके वेतन से लगातार हो रहा है।परंतु इन श्रमिकों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। श्रम कानून का कार्य अभियान भी उनके मामले में शून्य है। लगता है आउटसोर्स की व्यवस्था निगम के कुछ लोगों के कमाई का एक बड़ा जरिया बनाने के लिए ही किया गया है। हाल में करीब पांच दर्जन से अधिक कर्मी नगर आयुक्त शम्भू कुमार और पाथ्या एनजीओ के संचालक के गठजोड़ के कारण शोषित हुयें हैं। बमवा के जनरल सेक्रेटरी कॉमरेड रवीन्द्र कुमार ‘रवि’ ने बताया, देश आज सातवां वेतनमान ले रहा है, लेकिन बेतिया नगर निगम के सैकड़ो स्थाई कर्मचारियों की नगर आयुक्त शंभू कुमार की हेराफेरी वाली बातों में पड़ कर अभी तक पंचम और षष्ठम वेतनमान का अनुमोदन नगर विकास एवं आवास विभाग, पटना से नहीं होने पर काफी शर्मनाक करार दिया है। उन्होनें नगर आयुक्त को आड़े हाथों लेते हुये कहा की नगर आयुक्त के पास ऑफिसर शाही अधिक देखी जाती है,जिस कारण नगर आयुक्त शंभू कुमार के पास जब कर्मचारी अपनी समस्याओं को लेकर उनसे मिलना चाहते हैं तो वें शनिवार को मिलेंगे कहकर भगा देते हैं। ठीक दूसरी तरफ यह भी देखा जा रहा है कि निगम में स्थानांतरण की कोई भी नीति नहीं है, जिसे जब इच्छा हो कहीं भी स्थानांतरित कर दिया जाता है। पूरे साल स्थानांतरण का क्रम चलता रहता है। इस तरह कई कर्मी मनचाहा स्थानांतरण के लिए सक्षम लोगों के खुशामद में ही लगे रहते हैं। ऐसे माफिया तबके के लोग काम नहीं कमाई में ज्यादा विश्वास रखते हैं और नगर निगम में फलते-फूलते रहते हैं। इस व्यवस्था में बदलाव से ही निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार में कमी आएगी। स्थानांतरण की हालत यह है कि निगम के संविदा कर्मचारियों से लेकर आउटसोर्सिंग श्रमिकों का स्थानांतरण भी निगम से जुड़े कुछ माफियाओं के लिए उद्योग का रूप ले चुका है। आगे रवीन्द्र कुमार ‘रवि’ ने कहा कि बेतिया नगर निगम में करोड़ों की अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुयें दोषी व्यक्तियों नौकरी से मुअत्तल करते हुयें फ्रॉडगिरी एक्ट के तहत गिरफ्तार करने की मांग की है। बमवा द्वारा आहुत राज्यव्यापी एकदिवसीय प्रतिवाद दिवस पर नगर निकायों का सभी जायज 11 सूत्रीं मांगों का समर्थन करते हुयें उसारी (निर्माण) मजदूर एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड आजाद राकेश कुमार ने केन्द्र व राज्य सरकार की आउटसोर्सिंग से कार्य कराने की नीति को कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर दास बनाने वाली प्रथा करार दिया। धरना पर बैठे निगम के अध्यक्ष मुन्नी देवी और सचिव हरेंद्र राउत ने कहा कि धरना पर बैठें सैकड़ों कर्मियों के बीच निगम के निगम प्रबंधक अरबिन्द कुमार ने कर्मियों से उलझते हुयें कहा कि कर्मचारी नौकरी से हटे हैं तो खूद को सुसाइड कर लें पर नाराजगी व्यक्त करते हुयें सीटी मैनेजर पर कार्रवाही करने की मांग कियें। नगर आयुक्त यदि बेतिया नगर निगम के कर्मचारियों की मांगें नहीं मानते हैं तो 16 अक्टूबर से निगम में अनिश्चित कालीन हड़ताल कर,जेल भरो अभियान चलाकर चरणबद्ध धारधार आन्दोलनों का आगाज किया जायेगा। मौके पर रमेश राउत,भूषण राउत,दीपक राउत, आयशा खातून, युवराज सिंह, सीता देवी,जैबुननेशा, पवित्र देवी,फातमा खातून, सीता देवी, प्रमिला देवी, निक्की देवी, सिंहासन पटेल, गुड़िया देवी, पुण्यदेव प्रसाद, मोहन प्रसाद, रवि कुमार, लक्की कुमार, अभय कुमार, हरेन्द्र पटेल,नागेन्द्र प्रसाद, राजेश यादव, मो० मुजम्मिल, गिन्नी देवी,सावित्री देवी,सुधा देवी आदि सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित थें।

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