दुर्गा सप्तशती के पाठ से होती है मनोकामनाएँ पूर्ण
न्यूज़ डेस्क, मोतिहारी ब्यूरो
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
मोतिहारी, (जिला ब्यूरो)। जिला में आज से मां दुर्गा शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक सनातन काल में मनाया जाता रहा है । आदि शक्ति के प्रत्येक रूप की नवरात्र के नौ दिनों में पूजा की जाती है। अतः इसे नवरात्र के नाम से जाना जाता है। सभी देवता, राक्षस, मनुष्य उनकी कृपा दृष्टि के लिए लालायित रहते हैं, यह एक ऐसा उत्सव, त्यौहार, पर्व है जिसका धार्मिक, आध्यात्मिक, नैतिक व सांसारिक इन चारों ही दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। नवरात्र में भगवती मां दुर्गा जी की प्रसन्नता के लिए जो अनुष्ठान किए जाते हैं उनमें दुर्गा सप्तशती का अनुष्ठान विशेष कल्याणकारी माना गया है। इस अनुष्ठान को ही शक्ति साधना भी कहा जाता है। शक्ति मानव के दैनंदिन व्यवहारिक जीवन की आपदाओं का निवारण कर ज्ञान, बल, क्रिया शक्ति आदि प्रदान कर उसकी धर्म-अर्थ, काम मूलक इच्छाओं को पूर्ण करती है एवं अंत में अलौकिक परमानंद का अधिकारी बनाकर उसे मोक्ष प्रदान करती है। भगवती का नवरात्र 15 से 24 तक है इस बीच दुर्गासप्तशती पाठ का अत्यधिक महत्व है।
प्रथम दिवस शैलपुत्री पूजन कलश स्थापन सम्पूर्ण दिन किया जाएगा।
आज का शुभ रंग : लाल
माँ शैलपुत्री को लाल रंग बहुत प्रिय है। इसलिए उन्हें लाल रंग की चुनरी, नारियल और मीठा पान अवश्य भेंट करें। लाल एवं पीला वस्त्र स्वयं भी धारण करें।
किस राशि के लिए शुभ :
सभी 12 राशियों के लिए शुभ, विशेषकर मेष राशि के लिए अति उत्तम। व्रत संकल्प के साथ जल, गाय का दूध, दही, घी, मधु, शक्कर अर्पित करें। इसके बाद वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, पुष्प, कुमकुम, अक्षत, बिल्वपत्र, चढ़ाएं धूप दीप दिखाकर हाथ धूल कर मिठाई-फल भोग लगाएं। पान, सुपारी, दक्षिणा के बाद शैलपुत्री माता से प्रार्थना करें।
ध्यान :
“वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥”
कौन सी मनोकामनाएं होती है पूरी :
सच्चे मन से पूजा करने वाले मनुष्य के मन की सारी मुरादें पूरी होती हैं। मन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता है। आज के दिन शैलपुत्री माता को गाय का शुद्ध घी भोग लगाए। इससे शरीर निरोगी रहता है।