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Post: गन्ना मूल्य, घटतौली और मिल प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ उठायी आवाज़

गन्ना मूल्य, घटतौली और मिल प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ उठायी आवाज़

गन्ना पेराई सत्र 2023-24 शुरू हो गया है, गन्ना रेट नहीं तय होने से चीनी मिलों को गन्ना देने के लिए किसान मजबूर हैं

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण

– अमिट लेख

बेतिया, (मोहन सिंह)। गन्ना मूल्य 400/- प्रति किवंटल करने, लेट वेराइटी का खूट्टी (रेटून) चालान निर्गत करने, घटतौली पर रोक के लिए किसानों के देख-रेख में गन्ना शेष के रूपये से चीनी मिलों के गेट पर मैनूअल धर्मकांटा लगाने और सिकरहाना नदी में चीनी मिलों का रसायनिक पानी छोड़ने से प्रदूषित करने पर कार्रवाई करे सरकार नहीं तो किसान आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

फोटो : अमिट लेख

उक्त बातें गन्ना विकास विभाग बिहार द्वारा पटना नया सचिवालय स्थित प्रधान सचिव गन्ना उद्योग विभाग नर्मदेश्वर लाल के कक्ष में चीनी मिलों, गन्ना विकास विभाग के पदाधिकारियों और राज्य में चालू चीनी मिलों के क्षेत्रों के किसानों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए बुलाई गई बैठक से लौटने के बाद बेतिया में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बिहार राज्य गन्ना उत्पादक किसान महासभा के जिला अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय पार्षद सुनील कुमार राव ने कहा। उन्होंने कहा कि गन्ना पेराई सत्र 2023-24 शुरू हो गया है। गन्ना रेट नहीं तय होने से चीनी मिलों को गन्ना देने के लिए किसान मजबूर हैं। पिछले दो पेराई सत्र में गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया गया। खेती में लागत खर्च काफी बढ़ गया है। फेयर एंड रेम्यूनेरेटिव प्राइस (FRP) पिछले दो वर्त्तमान पेराई सत्र को मिलाकर 30 रूपया बढ़ाया गया। अगर उसे भी जोड़कर प्रतिवर्ष चीनी मिलें किसानों को भुगतान करती तो आज गन्ना मूल्य 365 रूपया होता। लेकिन चीनी मिलों की मनमानी के वजह से किसान हैरान-परेशान है। किसान पिछले कई वर्षों से गन्ना रेट 400/- रूपया प्रति किवंटल करने की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से किसानों में उम्मीद जगी कि खुट्टी गन्ना प्राथमिकता से चीनी मिले लेंगी लेकिन लेट वेराईटी का गन्ना चालान निर्गत नहीं करने से गेहूँ का फसल बहुत कम रकबा में लगा है। वहीं गन्ना अधिक पेराई करने के लिए चीनी मिलें दूसरे चीनी मिलों के क्षेत्र में अधिक चालान दे रही है और रिजर्व के किसान परेशान है। बगहा चीनी मिल तो उत्तर प्रदेश के गन्ना का पेराई प्राथमिकता से कर रहा है। क्षेत्र के किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि चीनी मिलें प्रति ट्रेलर 5-7 किवंटल गन्ना गुपचुप तरीके से चोरी कर ले रही है। पकड़े जाने पर विभाग के अधिकारी मामला रफा-दफा कर देते हैं। इस पर रोक के लिए प्रत्येक चीनी मिलों के तौल केन्द्र पर क्षेत्रीय विकास परिषद के पैसे से मैनुअल धर्मकांटा किसान संगठनों के देख-रेख में लगाया जाय। उन्होंने कहा कि चीनी मिलें अपने रसायनिक अवशिष्ट को नदियों में गिरा रही है। नरकटियागंज चीनी मिल के गंदा पानी सिकरहाना नदी में गिर रहा है जिससे पानी गंदा हो गया है। इस पर कार्रवाई हो। यहां उल्लेखनीय है कि उक्त बैठक प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल ने बेतिया में करने की घोषणा किया था लेकिन गन्ना मंत्री ने उसे पटना में रखवा दिया। उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव ने गन्ना मूल्य जल्द से जल्द बढाने और सभी किस्म के गन्ने को इस गन्ना पेराई सत्र में लेने के लिए चीनी मिलों को कहा। बैठक में प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल, संयुक्त सचिव जे पी एन सिंह, बिहार गन्ना एसोसिएशन के सचिव महेश भट्ट, सभी चीनी मिलों के प्रतिनिधि और किसान और किसान संगठनों के नेताओं ने भाग लिया।

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