(अलविदा तनाव शिविर- द्वितीय दिवस)
खुशी दुनिया की सबसे बड़ी दौलत : ब्रह्माकुमारी पूनम
खुशी सबसे बड़ी दवाई : ब्रह्माकुमारी पूनम
हमारे कार्यकारी संपादक की कलम से :
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। पुरानी बातों को पकड़ कर रखने से खुशी गायब हो जाती है, ऐसी बातों, घटनाओं अथवा सीन को मन बुद्धि में पकड़कर रखने से अल्सर, एसिडिटी ,ब्लडप्रेशर इत्यादि बीमारियां आयेंगी तनाव बढ़ेगा।
इससे बचने के लिए यह संकल्प दृढ़ करें-“छोड़ो छोड़ो, कोई बात नहीं, आगे बढ़ो”खुद को समझाईये जीवन का लक्षय। प्रेम, खुशी आनंद में है पकड़ कर रखेंगे तो ईश्वर जो अवसर दे रहा है। उसका आनंद नहीं ली पाएंगे। उक्त बातें इंदौर से पधारी प्रख्यात तनाव मुक्ति विशेषज्ञा ब्रम्हाकुमारी पूनम बहन जी (सी.एस.) प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय प्रभु उपवन भवन संत घाट बेतिया में आयोजित “अलविदा तनाव” निशुल्क शिविर के दूसरे दिन के सत्र में कहीं।
उन्होंने आगे कहा कि खुश रहने के लिए मूल बात यह याद रहे। सुख-दुख मान अपमान स्वास्थ्य और व्याधिग्रस्त शरीर-इसी में खुश रहने का रास्ता निकालना है। अपनी खुशी का रिमोट दूसरों को ना दें खुशी दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है। यह ऐसी दौलत है, जिसे आप पैसों से खरीद नहीं सकते। खुशी को डॉक्टर दवाई भी कहते हैं, क्योंकि मन की खुशी दवा का काम करती है।
मन खुश रहने से शरीर में इनडाफिन हार्मोन निकलता है, जिससे नींद अच्छी आती है मन शांत रहता है उमंग- उत्साह बना रहता है। ब्रह्माकुमारी पूनम बहन जी ने आज के दिन को “खुशियों के उत्सव” के रूप में मनाते हुए सदा खुश रहने के लिए आज का स्पीचुअल इंजेक्शन (मंत्र) दिया-“मैं खुशियों के सागर परमात्मा की संतान हूं। खुशियों के खजाने का मालिक हूं।
जब तक जीना है खुश रहना ही है “इसका स्पष्टीकरण करते हुए उन्होंने कहा कि नाम, पद, पैसा, रिश्तो, इत्यादि से क्षणिक खुशी मिलती है। सच्ची, अविनाशी, आंतरिक खुशी तो सिर्फ अविनाशी परमात्मा से जुड़ने से ही मिलती है। परमात्मा खुशियों का सागर है, दाता है बच्चा पिता की संपत्ति का वारिस होता है। परमात्मा के बच्चे होने के नाते हम भी खुशियों के खजाने के मालिक हैं। उन्होंने अपने 25 वर्ष के आध्यात्मिक जीवन के अनुभव से बताया कि यदि इस मंत्र को 108 बार अनुभव के साथ 21 दिन लिख ले तो बड़े-बड़े डिप्रेशन की केस ठीक हो जाते हैं। खुद को खुद ही समझना है की परिस्थितियों समस्याओं से अधिक शक्तिशाली मैं हूं, क्योंकि मैं सर्वशक्तिमान परमात्मा की संतान हूं। समय परिवर्तनशील है बातें आई है तो जायेंगी भी। उन्होंने सर्व को पक्का प्रॉमिस भी कराया कि “सदा खुश रहेंगे और खुशी बाटेंगे” क्योंकि खुशी बांटने से बढ़ती है। उन्होंने कार्यक्रम के प्रारंभ में मनोबल बढ़ाने वाले एक गीत- तुझको चलना होगा पर सर्व को डांस करवाया। तालियां बजवाई फिर योग कमेंट्री व वीडियो दृश्य के माध्यम से परमात्मा पिता के खुशियों के झरने को स्वयं में प्रवाहित करने व फिर स्वयं से चारों ओर फैलने का विजन देकर सर्व को बहुत सुंदर व गहन अनुभूति भी कराई। अंत में छोटे-छोटे बच्चों का गुब्बारे हाथ में देकर खुशियों का डांस करवाया गया। जिसमें सभी उपस्थित जनों ने भी साथ दिया आदि गीतों पर डांस करते हुए चारों ओर खुशियों की लहर फैल गई। सबसे आखिर में सोचना क्या, जो भी होगा देखा जाएगा गीत पर सदा खुश रहने व खुशी बांटने की दृढ़ता पक्की की गई कल स्वयं की पहचान बताई जाएगी। कार्यक्रम का लाभ हजारों की संख्या में बेतिया वासी ले रहे हैं।