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Post: प्राण प्रतिष्ठा के चलते 20 से 26 जनवरी तक घरों में रहें मुसलमान :  बदरुद्दीन अजमल

प्राण प्रतिष्ठा के चलते 20 से 26 जनवरी तक घरों में रहें मुसलमान :  बदरुद्दीन अजमल

मुसलमानों को नसीहत देने पर भड़के गिरिराज

बदरुद्दीन अजमल मुसलमानो में पैदा कर रहे भ्रम : गिरिराज

न्यूज़ डेस्क,पटना  

दिवाकर पाण्डेय

अमिट लेख

पटना (विशेष ब्यूरो) : अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मुस्लिमों को घर से बाहर नहीं निकलने की नसीहत देने वाले बदरुद्दीन अजमल को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जवाब दिया है। गिरिराज ने कहा कि बीजेपी मुसलमानों से नफरत नहीं करती है। भारतीय जनता पार्टी सबका साथ और सबका विश्वास के साथ चलती है। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल मुसलमानों को डरा-धमकाकर भ्रम पैदा कर रहे हैं। बता दें कि अजमल ने मुसलमानों को रामलला प्राण प्रतिष्ठा के चलते 20 से 26 जनवरी तक घरों में ही रहने की नसीहत दी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि बदरुद्दीन अजमल बीजेपी से भले ही नफरत करते हों, लेकिन भारतीय जनता पार्टी मुस्लिमों से नफरत नहीं करती है। इकबाल अंसारी जो रामजन्मभूमि के याचिकाकर्ता थे, वे भी प्राण प्रतिष्ठा में जा रहे हैं और पूजा में सम्मिलित होंगे। बदरुद्दीन अजमल और असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग समाज में नफरत फैलाने का काम करते हैं। गिरिराज ने कहा कि बीजेपी सर्वधर्म में भरोसा करती है और सभी धर्मों का सम्मान करती है। इन लोगों की तरह नहीं है जो मुस्लिम धर्म को नहीं माने वो उन्हें काफिक करार दे देते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये लोग तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं। ऐसा करते-करते मोदी और बीजेपी को गाली देते हैं। हमें इनसे नसीहत नहीं चाहिए। ये देश का हित नहीं कर सकते हैं। ये कितना रोजगार दे रहे हैं, हम जानते हैं। इफ्तार करते हैं लेकिन गरीब हिंदुओं को खाना नहीं खिलाएंगे। हज वालों से नफरत नहीं करेंगे। हिंदुओं से नफरत करेंगे। समय पड़ेगा तो अपने जनेऊधारी कहेंगे, नहीं तो टोपीधारी रहेंगे। उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि क्यों न वे हजभवन को अस्पताल बना दें। उपदेश देने से बढ़िया ये ही काम कर दें। दरअसल, तेजस्वी ने कहा था कि चुनाव आने पर मंदिर-मस्जिद का मुद्दा छा जाता है। जब कोई बीमार होगा तो मंदिर नहीं बल्कि डॉक्टर के पास जाएगा। भूख लगेगी तो मंदिर में नहीं जाएगा।

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