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Post: अवैध गुड़ उत्पादन करने वाले कारोबारियों के खिलाफ प्रशासन हुआ सख्त

अवैध गुड़ उत्पादन करने वाले कारोबारियों के खिलाफ प्रशासन हुआ सख्त

काला गुड़ का इस्तेमाल देशी शराब बनाने में किया जाता है  : गन्ना पदाधिकारी

हमारे जिला ब्यूरो नसीम खान क्या की रिपोर्ट :

न्यूज़ डेस्क, पुलिस जिला बगहा

नसीम खान ‘क्या’

अमिट लेख

बगहा, (जिला ब्यूरो) बगहा के नौरंगिया में अवैध रूप से गुड़ उत्पादन को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है । इसे लेकर विभाग द्वारा गुड़ उत्पादन करने वाले कारोबारियों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। बेतिया से आये जिला गन्ना पदाधिकारी श्रीराम सिंह ने बताया कि नौरंगिया में काला गुड़ का निर्माण किया जाता है। काला गुड़ का इस्तेमाल देशी शराब बनाने में किया जाता है। लिहाजा इस पर रोक लगाने को लेकर सख़्ती बरती जा रही है क्योंकि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है । दरअसल वाइन को लेकर बिहार ड्राई स्टेट है इसी को देखते हुए सभी क्रशर कोल्हू मालिकों को नोटिस ज़ारी कर रोक लगा दिया गया है इसके साथ ही मौखिक रूप से भी सभी को आगाह किया गया है ताकि लोगों के द्वारा गुड़ का उत्पादन नहीं किया जाए। इस बीच तकरीबन दर्जन भर गुड़ उत्पाद करने वाले क्रशर के मालिकों को नोटिस की गई है।

वही क्रशर चलाने वालों का कहना है कि सुगर मिल के द्वारा समय से ना तो चालान पर्ची मिल पा रहा है और ना ही लागत के अनुसार गन्ना का रेट ही मिल रहा है। ऐसे में गन्ना से गुड़ उत्पादन करना किसानों की मजबूरी है। गन्ना उत्पादन करने वालों ने बताया कि चीनी मिल के दबाव के कारण अधिकारी ऐसा कर रहे हैं। बतादें कि चम्पारण में बहुतायत गन्ना उत्पादन किए गए हैं । औऱ गन्ना मूल्य बढ़ोतरी नहीं होने से व चालान नहीं मिलने के कारण क्रशर कोल्हू संचालकों की चांदी कट रही है। गुड़ बीना केमिकल का होने की बात कही जा रही है। जो हानि नहीं करता है इसलिए देखने में थोड़ा गड़बड़ लगता है। इस गुड़ को केमिकल फ्री रहने वाले लोग इस्तेमाल करते हैं। जिसे जबरदस्ती रोका जा रहा है। एक तरफ सरकार रोजगार देने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ रोजगार छीना जा रहा है। बतातें चलें कि काले गुड़ का इस्तेमाल देशी शराब निर्माण में धड़ल्ले से किया जाता है लिहाजा विभाग इसी के मद्देनजर सख़्ती से इस पर रोक लगाने में जुटा है वहीं इन अवैध क्रशर कोल्हू संचालक बग़ैर मानक के किसी लाइसेंस जारी हुए प्रदूषण फ़ैला रहे हैं इसके अतिरिक्त राजस्व की भी क्षति पहुंचाई जा रही है ।

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