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Post: चीनी मिलों के घटतौली के विरोध में एक दिवसीय धरना

चीनी मिलों के घटतौली के विरोध में एक दिवसीय धरना

हमारे उप संपादक की कलम से :

सभी प्रभेदों के गन्ना की आपूर्ति तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित करायी जाय

घटतौली रोकने के लिये किसानों की देखरेख में सरकारी धर्मकांटा स्थापित किया जाय

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण

– अमिट लेख

बेतिया, (मोहन सिंह)। संयुक्त किसान मोर्चा पश्चिम चंपारण द्वारा चीनी मिलों में घाटतौली में रोक लगाने, गन्ना मूल्य ₹500 प्रति क्विंटल करने, सभी वैरायटी का गन्ना चलान निर्गत करने, गन्ना पेराई सत्र प्रारंभ से ही प्रति ट्रेलर 5 क्विंटल गन्ना वजन जोड़कर सभी किसानों का भुगतान करने की मांग को लेकर समाहरणालय के समक्ष एक एकदिवसीय धरना दिया गया। उक्त सभा को संबोधित करते हुए बिहार राज्य गन्ना उत्पादक महासभा पश्चिम चंपारण के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि मझौलिया थाना कांड संध्या 1120/23 के सभी अभियुक्त को गिरफ्तार किया जाए तथा कांड संख्या 1114/23 को वापस लिया जाए।

फोटो : अमिट लेख

उन्होंने कहा कि सभी प्रभेदों के गन्ना की आपूर्ति तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित करायी जाय। घटतौली रोकने के लिये किसानों की देखरेख में सरकारी धर्मकांटा स्थापित किया जाय। उन्होंने कहा कि हमारे प्रतिनिधि मंडल को जिला पदाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए चीनी मिलों के प्रतिनिधियों की बैठक 10 जनवरी को बुलाई गई है जिसमें सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष नेसार अहमद ने कहा कि घाटतौली का मामला सामने आने के दिन से पहले तौल किए गए गन्ने में प्रती ट्रेलर 5 क्विंटल जोड़कर गन्ना मूल्य का भुगतान किया जाय। सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा के संजय यादव ने कहा कि चालू पराई सत्र के लिए गन्ना मूल्य ₹500 प्रति क्विंटल घोषित किया जाय। किसान सभा रमा यादव ने कहा कि गाना प्रभेदों के जांच के लिए कृषि वैज्ञानिक को मिल में पदस्थापित किया जाए। किसान सभा के अब्दुल सत्तार ने कहा कि चीनी मीलें रिकवरी की चोरी करती हैं, इस पर रोक लगाने के लिए सरकारी स्तर पर तकनीकी अधिकारी को मिल में पदस्थापित किया जाए। धरना के बाद एक प्रतिनिधिमंडल जिला पदाधिकारी के मिलकर उन्हें एक स्मार पत्र सौंपा। वक्ताओं में ओमप्रकाश क्रांति, प्रभुराज राव, अशोक शर्मा, दिनेश पटेल आदि शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल में धर्मनाथ कुशवाहा, मनबोध साह, रामबाबू महतो, विनोद कुशवाहा, मोज्जमिल हुसैन, रिखी साह, जवाहर प्रसाद, अफजल इमाम, दीपक सहनी, मानती राम शामिल थे। वक्ताओं में ओमप्रकाश क्रांति, प्रभुराज राव, अशोक शर्मा, दिनेश पटेल आदि शामिल थे।

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