थानाध्यक्ष समेत तमात पुलिसकर्मी रह गए हैरान
क्या है पूरा मामला
न्यूज़ डेस्क,पटना
दिवाकर पाण्डेय
अमिट लेख
पटना (विशेष ब्यूरो) : कंपकंपाती ठंड में शुक्रवार की सुबह राजधानी पटना के नौबतपुर थाना क्षेत्र के रेगानिया बाग गांव की रहने वाली एक मां अपनी तीन साल की बेटी की लाश लेकर इंसाफ के लिए गुहार लगाते नौबतपुर थाना पहुंची। इस ठंड में महिला को देखकर पुलिसकर्मी भी हतप्रभ थे। महिला रेगानिया बाग निवासी दिवंगत सतीश कुमार की पत्नी है। दरअसल, छह दिन पूर्व बीमारी से एम्स में उसके पति की मृत्यु हो गई। पति की मौत को भूलती उसके पहले ही भगवान ने एक और विपत्ति उस अभागन के सिर पर डाल दिया। दो दिन पूर्व उसकी तीन वर्ष की बेटी की तबीयत ठंड लगने से खराब हो गई। जिसके बाद महिला ने अपने सास -ससुर को उसके ईलाज कराने के लिये कहा, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। थक-हारकर वह अपने माता पिता को अपने मायके किंजर थाना के जयकरण बीघा गांव से बिहटा अस्पताल बुलाई, लेकिन दो दिन बाद बेटी की भी मौत हो गई। महिला के पास अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं बचे थे। ससुरालवालों का कहना था कि तुम्हारा यहां कुछ नहीं है, यहां से जाओ; कहकर भगा दिया। ससुरालवालों के भगा देने के पश्चात महिला अपने तीन साल की बेटी की लाश को लेकर नौबतपुर थाना पहुंच गई। बता दें कि महिला अपने कलेजे के टुकड़े को लेकर थाने पहुंची। इस दौरान उसके साथ बूढ़े माता-पिता एवं दो छोटे- छोटे बच्चे भी थे। बता दें कि सोनी देवी का रेगानिया बाग में ससुराल है। दस साल पूर्व उसकी शादी छोटन यादव के पुत्र सतीश कुमार के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही आर्थिक तंगी में जीवन जी रही सोनी को उसके ससुरालवालों द्वारा प्रताड़ित किया जाता रहा। पीड़िता सोनी ने बताया कि दो वर्ष पूर्व भी वह नौबतपुर थाना आयी थी उसे न्याय मिले, लेकिन उसकी किसी ने एक नहीं सुनी। वह बैरंग वापस लौट गई थी। सोनी के पिता जवाहर यादव ने कहा कि मुझे नौबतपुर थाना से न्याय नहीं मिलेगा तो महिला थाना जाएंगे। थानाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज ने बताया कि सुबह में महिला आयी थी, लेकिन अचानक फिर कही चली गई पता नहीं चला। आवेदन प्राप्त होने के बाद कार्रवाई की जाएगी।