शिक्षा विभाग ने बीपीएससी से मांगा रिकॉर्ड
न्यूज डेस्क पटना
दिवाकर पाण्डेय
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पटना(विशेष ब्यूरो)। बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे एक लाख से भी ज्यादा शिक्षकों के अंगूठे के निशान (थम इंप्रेशन) का मिलान किया जा रहा है। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा से पहले चरण में नियुक्त हुए सभी शिक्षकों के थम इंप्रेशन के मिलान का काम जिलों में शुरू कर दिया गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर शिक्षकों को चरणवार जिला मुख्यालय में ले जाकर यह मिलान कराया जा रहा है। बीपीएससी की परीक्षा में दिए निशान से शिक्षकों के अंगूठे का मिलान कराया जा रहा है। इसको लेकर बीपीएससी से रिकॉर्ड मांगा गया है। बता दें कि पहले चरण में बीपीएससी से करीब एक लाख दो हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी।शिक्षा विभाग को फर्जी नियुक्ति-पत्र बनवाने और फर्जी नाम से स्कूलों में योगदान देने की शिकायत प्राप्त होने पर जिलों को यह निर्देश दिया गया है। विभाग ने यह भी कहा है कि निशान के मिलान के दौरान संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक मौजूद रहेंगे। ताकि, प्रधानाध्यापक यह बता सकें कि यही शिक्षक उनके स्कूल में पिछले एक माह से पढ़ा रहे हैं। विभाग के स्तर पर भी जिलों में किए जा रहे इस मिलान कार्य की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि जिलों में यह कार्य पूरा होने के बाद विभाग इसकी रिपोर्ट मांगेगा। मालूम हो कि शिक्षा विभाग ने करीब चार हजार शिक्षकों को दोबारा कागजातों की जांच कराई थी। इसमें तीन फर्जी शिक्षकों को पकड़ा गया था। वहीं, तीन शिक्षक भाग खड़े हुए। इस मामले में प्राथमिकी भी की गई थी। इसके बाद विभाग को यह आशंका हुई कि हो सकता है कि एक लाख शिक्षकों में कुछ फर्जी हो सकते हैं। इसलिए विभाग यह सुनिश्चित करा रहा है कि जिस अभ्यर्थी ने परीक्षा दी थी, वहीं सफल होने के बाद स्कूलों में योगदान किए हैं। यही कारण है कि पहले और दूसरे चरण के शिक्षकों के आधार कार्ड का भी सत्यापन किया जा रहा है। पहले चरण में कुल एक लाख 20 हजार 336 चयनित शिक्षकों में से एक लाख दो हजार से अधिक ने योगदान किया है। इन शिक्षकों को दो नवंबर, 2023 को नियुक्ति-पत्र दिया गया था। इसके बाद इन्हें स्कूल आवंटित कर, सबको योगदान कराया गया।