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राजनीति के अगले 72 घंटे अहम
न्यूज डेस्क पटना
दिवाकर पाण्डेय
अमिट लेख
पटना(विशेष ब्यूरो)। बिहार की राजनीति में एक बार फिर से बड़ी उठापटक देखने को मिल सकती है। जिस तरह से आज अमित शाह ने जदयू और नीतीश कुमार को लेकर बयान दिया है। उसके बाद से बिहार में एक बार फिर से सत्ता में बदलाव की संभावना दिखने लगी है। वहीं इस संभावना को और बल तब मिल गया, जब गुरूवार देर शाम जदयू की तरफ से अपने सभी विधायकों को अगले निर्देश तक पटना से बाहर जाने पर रोक लगाने का निर्देश जारी कर दिया है। हालांकि इसको लेकर अधिकारिक रूप से कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। जदयू के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो सभी विधायकों को पटना में बने रहने का निर्देश दिया गया है। यह कुछ उसी तरह से है, जैसा कि 2022 में नीतीश कुमार ने भाजपा से रिश्ता तोड़ा था, तब हुआ था। ऐसे में राजद और जदयू के 15 माह पुरानी सरकार के टूटने की संभावना बढ़ गई है। जहां एक तरफ अमित शाह ने नीतीश कुमार को लेकर कहा है कि अगर जदयू से प्रस्ताव आता है तो इस पर विचार किया जा सकता है। यहां तक कि आज पटना पहुंचे एमपी के सीएम मोहन यादव ने भी नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ भी बोलने से परहेज किया। जबकि दूसरी तरफ राजद और जदयू के नेता लगातार एक दूसरे के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं।