बढ़ी सियासी गर्मी
न्यूज डेस्क पटना
दिवाकर पाण्डेय
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पटना(विशेष ब्यूरो)। शुक्रवार को बिहार में भीषण ठंड के बीच सियासी तापमान उस समय बढ़ गया जब लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने उनके सरकारी आवास पर पहुंच गए। लालू यादव के साथ उनके पुत्र और नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। लगभग डेढ़ महीने के बाद लालू यादव राबड़ी आवास से निकलकर सीएम हाउस पहुंचे हैं जबकि दोनों के आवास आस पास हैं। दूसरी ओर बीजेपी ने शुक्रवार को अचानक अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। नये साल में हो रही इस सियासी मुलाकात से राजनैतिक हलचल बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर यह मुलाकात बेहद खास है क्योंकि अचानक लालू यादव नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। 2024 में बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया गया। विपक्षी दलों को एकजुट करने में पसीना बहाने वाले नीतीश कुमार ने संयोजक पद लेने से इनकार कर दिया। इस बीच उनकी पार्टी जेडीयू ने सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होने से पहले बिहार की 17 लोकसभा सीटों पर दावा ठोक दिया। जदयू का साफ करना है कि सीट बंटवारे का मसला जल्द हल हो जाना चाहिए। इधर लालू यादव और कांग्रेस का कहना है कि सीट बंटवारे में कोई जल्दीबाजी नहीं है। इन तमाम परिस्थितियों में कयास लगाए जा रहे थे कि लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच दूरी बढ़ रही है । जदयू द्वारा 17 सीटों पर दावा कर देना राजद के लिए चिंता का विषय है क्योंकि बिहार विधानसभा में सबसे बड़े दल राजद को 23 सीटों पर अपने सहयोगी कांग्रेस और वाम दलों के साथ एडजस्ट करना है। इधर एनडीए के नेता जीतनराम मांझी और उपेद्र कुशवाहा संकेत दे रहे हैं कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ एनडीए में जा सकते हैं। एक इंटरव्यू में भाजपा के बड़े नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी नीतीश कुमार के प्रति नरमी दिखाई। नीतीश के लिए सभी दरवाजे बंद की बात कहने वाले अमित शाह ने राजस्थान पत्रिका के साथ इंटरव्यू में कहा कि प्रस्ताव आएगा तो विचार किया जाएगा। इधर नीतीश कुमार कोई भी बड़ा फैसला अचानक लेने के लिए जाने जाते हैं। नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री पशुपति कुमार पारस कह चुके हैं कि जनवरी के अंत तक नीतीश कुमार बड़ा फैसला लेंगे। चूड़ा दही भोज पर राबड़ी आवास पहुंचे नीतीश कुमार 10 मिनट में ही लौट गए। शुक्रवार को ही बीजेपी ने अपने विधायकों की बैठक बुला ली। नीतीश पर आक्रामक रहने वाले चिराग पासवान के तेवर भी नीतीश पर नरम हैं। इन तमाम परिस्थितियों में लालू यादव खुद चलकर नीतीश कुमार के पास पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि हालात को मैनेज करना नीतीश-लालू मुलाकात का असली मकसद है।