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Post: मनुष्य के जीवन को निर्मल बनाने के लिए अपनी सारी बुराइयों को त्याग देना चाहिए : संत श्री जितेंद्र

मनुष्य के जीवन को निर्मल बनाने के लिए अपनी सारी बुराइयों को त्याग देना चाहिए : संत श्री जितेंद्र

मनुष्य के जीवन को निर्मल बनाने के लिए अपनी सारी बुराइयों को त्याग देना चाहिए  : संत श्री जितेंद्र 

न्यूज डेस्क, सुपौल

संतोष कुमार

अमिट लेख 

सुपौल (जिला ब्यूरो): जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल मुख्यालय क्षेत्र के कुशहा पंचायत कबीर नगर कुशहा (दक्षिण) वार्ड-8 अवस्थित प्राथमिक विद्यालय परिसर में सदगुरु कबीर सत्संग महोत्सव का विशेषाधिवेशन का आयोजन शनिवार को आरंभ हुआ। आयोजित महोउत्सव में कई जगहों से कबीरपंथी शामिल हुए। कबीर महोउत्सव के अंतिम दिन रविवार को स्वरूपलीन आचार्य धर्म स्वरूप साहब के मुख्य शिष्य पूज्य जितेंद्र साहब ने कहा कि सकलो दुरमति दूर करुं अच्छा जन्म बनाव,काग गवन गति छारि के हंस गवन चली आव। सदगुरू कबीर साहब कहते है कि जीवन को निर्मल बनाने के लिए अपनी सारी बुराइयों को त्याग देना चाहिए । उन्होंने कहा सदगुरु आचार्य धर्मस्वरूप साहब की पंक्ति है। जिसमें सदाचार पूर्ण जीवन जीना चाहिए । मानव को हंस की तरह नीर क्षीर विवेक का परिचय देना चाहिए। मानव जीवन में कर्म की प्रधानता है कर्म ही पूजा है।

पूज्य संत श्री जयस्वरूप साहब ने कहा कि हमें बीजक,रामायण,गीता,उपनिषद इत्यादि धर्म ग्रंथो से लाभ लेना चाहिए। हमें सद्गुरु कबीर,सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज ,स्वामी विवेकानंद ,भगवान श्री राम,भगवान श्री कृष्ण,महात्मा गांधी,डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर इत्यादि संत महापुरुषों के विचारों को हमें आत्मसात करना चाहिए। मौके पर योगाचार्य महंथ असंगस्वरूप साहब,गायक राजू परदेसी,मिथिलेश साहब सहित सभी ग्रामवासी उपस्थित थे।

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