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Post: दिल्ली से पटना तक दिखने लगा जन सुराज का डर

दिल्ली से पटना तक दिखने लगा जन सुराज का डर

हमारे प्रादेशिक विशेष ब्यूरो दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट : 

अति पिछड़ों के लिए पीके की घोषणा बिहार की राजनीतिक सरगर्मी का कारण : संजय ठाकुर

पलटू राम के पाला बदलने से बिहार का नहीं होने वाला कल्याण

न्यूज डेस्क, मोतिहारी

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख

मोतिहारी, (विशेष ब्यूरो)। बिहार में अचानक हुए राजनीतिक उथल-पुथल जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर जी की पदयात्रा अभियान और जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी भागीदारी के सिद्धांत की घोषणा का परिणाम है। नीतीश कुमार के पास कोई राजनीतिक चरित्र नहीं बचा है और बिहार की जनता उनके राजनीतिक नौटंकियों से बराबर ठगी जाती रही है। इससे बिहार की जनता का कोई भला नहीं होने वाला। बिहार के लोग इन नेताओं और दलों से (राजद-जदयू और भाजपा) त्रस्त है और नीतीश कुमार तथा उनके जदयू को रिजेक्ट कर दिया है। उक्त बातें आज यहां जारी एक बयान में जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कही है। मुख्य प्रवक्ता श्री ठाकुर ने बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। श्री ठाकुर ने स्पष्ट किया कि जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर जी की जारी सघन पदयात्रा से सभी बिहारी भाइयों की हो रही लामबंदी ने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य बदल दिए हैं। प्रशांत किशोर जी के नेतृत्व में अति पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों, वंचित समाज के लोगों और सवर्ण समाज के लोग जिस तेजी के साथ जुड़ गए हैं उससे नीतीश कुमार, लालू यादव और भाजपा के नरेन्द्र मोदी सभी परेशान हो गए हैं। श्री ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि पिछले बीस जनवरी को पटना के बापू सभागार में जन नायक कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी समारोह सह अति पिछड़ा सम्मेलन में आयी भीड़ और प्रशांत किशोर की ओर से की गई इस घोषणा से कि आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में जन सुराज अति पिछड़ों को उनकी आबादी के हिसाब से पचहत्तर उम्मीदवार खड़ा करेगा और उनके चुनाव में सभी खर्च जन सुराज करेगा ने सभी राजनीतिक दलों को भौंचक कर दिया है। साथ ही अति पिछड़ा समाज के पांच सौ छात्रों को प्रति वर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जन सुराज अपने खर्चे पर करायेगा। प्रशांत किशोर जी की उक्त घोषणा के बाद से ही बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। श्री ठाकुर ने स्पष्ट कहा है कि बीस जनवरी को जन सुराज अति पिछड़ा सम्मेलन करता है और तेईस जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जन नायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा करते हैं।‌ नीतीश कुमार प्रधानमंत्री की प्रशंसा शुरू करते हैं और राजद – कांग्रेस पर इशारों-इशारों में परिवार वादी बताने लगते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नेता प्रशांत किशोर जी ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि इण्डिया गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने पर नीतीश कुमार पांच सीट भी नहीं जीत सकते हैं। इन्हीं सभी बातें नीतीश कुमार को एनडीए गठबंधन में जाने को मजबूर किया है। हालांकि इस से कुछ हासिल नहीं होने वाला क्योंकि बिहार की जनता समझ चुकी है कि जदयू,राजद और भाजपा सभी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और इन नेताओं ने बत्तीस वर्षों की अपनी अपनी सरकार चलायी जिसमें न तो कर्पूरी ठाकुर की भावनाओं के अनुरूप कोई काम नहीं किया। बिहार की जनता इन सभी दलों और उनके नेताओं से भारी परेशानी में हैं और बिहार का विकास चौपट हो गया है। इनके पाला बदलने से बिहारियों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला। श्री ठाकुर ने फिर से रेखांकित किया है कि चाहे जितनी राजनीति हो जन सुराज महात्मा गांधी, बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर और समाजवाद के पुरोधा जन नायक कर्पूरी ठाकुर के सपनों को ईमानदारी से साकार करने में सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा और जब तक इन विकास विरोधी और बिहार विरोधी दलों का सूपड़ा साफ नहीं किया जाता तब-तक संघर्ष जारी रहेगा। ज्ञात हो कि अभी प्रशांत किशोर जी की पदयात्रा बेगूसराय जिले में चल रही है।

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