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Post: वाल्मीकि आश्रम को रामायण सर्किट से जोड़ने की विश्व सनातन धर्म संस्था ने की मांग

वाल्मीकि आश्रम को रामायण सर्किट से जोड़ने की विश्व सनातन धर्म संस्था ने की मांग

जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :

वाल्मीकि आश्रम को रामायण सर्किट से जोडने की मांग नेपाल के सनातन धर्म के लोगो के द्वारा किया जा रहा है

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला 

नसीम खान “क्या”

– अमिट लेख
बगहा, (जिला ब्यूरो)। इंडो नेपाल सीमा पर वीटीआर से लगा लव कुश की जन्मस्थली और महर्षि वाल्मिकी की तपोभूमि वाल्मीकि आश्रम के विकास तथा इसकी पहचान राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे इसके लिए वाल्मीकि आश्रम को रामायण सर्किट से जोडने की मांग नेपाल के सनातन धर्म के लोगो के द्वारा किया जा रहा है। बतादें वाल्मीकि आश्रम के विकास के लिए निःस्वार्थ रूप से 1956 से कार्य कर रही संस्था विश्व सनातन धर्म स्थापनर्थ समिती के अध्यक्ष दीपक जंग राय मांझी ने बताया की अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण तथा मंदिर में प्रभु श्रीराम के मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा होने के अवसर पर 22 जनवरी को नेपाल में भी सनातन धर्म के लोगो के बीच खुशी तथा उल्लास का माहौल था। इस अवसर पर प्रभु श्रीराम तथा माता जानकी के पुत्रों की जन्म स्थली वाल्मीकि आश्रम में भी ग्यारह हज़ार दीप प्रज्वलित कर दीपालवी मनाया गया था। वाल्मीकि आश्रम भी प्रभु श्रीराम से ही जुड़ा हुआ प्रसंग है। इसलिए वाल्मीकि आश्रम को भी राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भारत सरकार द्धारा श्रद्धालुओ को सम्पूर्ण रामायण का दर्शन कराने के लिए अयोध्या से जनकपुर तक बनाया गया रामायण सर्किट के रूट चार्ट में वाल्मीकि आश्रम को भी जोड़ने की मांग नेपाल के जनता द्वारा भारत सरकार से किया जाने लगा है। बतातें चलें कि अयोध्या से दूसरी बार वनवास मिलने पर माता जानकी ने यही महर्षि वाल्मीकि के कुटिया में 12 वर्ष तक अपना निर्वासित जीवन बिताया था और इसी स्थान पर माता जानकी के वीर पुत्रो लव व कुश का जन्म हुआ था। महर्षि वाल्मिकि के द्वारा भी पवित्र रामायण ग्रंथ की रचना यही किया गया था। जिसका गवाही वर्षों पूर्व की खुदाई में मिला त्रेता युग की निशानी तथा सरंचना खुद दे रही है। लेकिन एतिहासिक एवं धार्मिक महत्व की पहचान दिलाने वाला त्रेता युग की निशानी तथा संरचना का संरक्षण नही होने से आज भी वाल्मीकि आश्रम में ऐसे ही खुले में लावारिश हालत में ही रखा हुआ है। जबकि वाल्मीकि टाईगर रिज़र्व से सटा नेपाल के चितवन जिला के माड़ी नगरपालिक के वार्ड नंबर एक में अवस्थित वाल्मीकि आश्रम नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल उर्फ प्रचंड का गृह जिला भी है।इसके बावजूद वाल्मीकि आश्रम के विकास के लिए नेपाल सरकार का ध्यान अभी तक नही पहुंच पाया है। इसलिए नेपाल के सनातन धर्म के लोगो के द्वारा प्रभु श्रीराम के संपूर्ण रामायण को दर्शन कराने के लिए अयोध्या से जनकपुर तक के लिए बनाया गया रामायण सर्किट के रूट चार्ट में जोडने की मांग भारत सरकार से होने लगी है। नेपाल के लोगो का कहना है की वाल्मीकि आश्रम को भी रामायण सर्किट से जोड़ दिया जाता है तो श्रद्धालु अयोध्या में प्रभु श्र राम का दर्शन करते हुऐ माता जानकी की नगरी जनकपुर से होते हुऐ लव कुश की जन्मस्थली वाल्मीकि आश्रम तक बहुत आसानी से पहुंचने लगेंगे। जिससे वाल्मीकी आश्रम का विकास तो होगा ही इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वाल्मीकि आश्रम को पहचान भी मिलने लगेगा। नेपाल की जनता की मांग को देखते हुए वाल्मीकि आश्रम को रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग को लेकर अति शीघ्र ही विश्व सनातन धर्म समिति का एक शिष्ट मंडल काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास में पहुंच कर भारतीय राजदूत से मिलकर ज्ञापन पत्र सौपेगा।

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