जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :
नामांकन नहीं होने से चार माह से सरकारी दफ्तरों के लगा रही चक्कर
स्कूल और कोचिंग संस्थानों की गलियों की खामियाजा भुगत रही है छात्रा
न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला
नसीम खान”क्या”
– अमिट लेख
बगहा, (जिला ब्यूरो)। बगहा में स्कूल और कोचिंग संस्थान की गलतियों का खामियाजा एक गरीब छात्र को भुगतना पड़ रहा है। नवोदय और सैनिक विद्यालय में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद छात्रा का नामांकन नहीं हो पा रहा है। लिहाजा छात्रा अपना नामांकन कराने के लिए सरकारी दफ्तरों का 4 माह से चक्कर लगा रही है। बतादें, बगहा में शिक्षा के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इस फर्जीवाड़ा का शिकार एक गरीब लड़की हुई है, जिसने वर्ष 2023- 24 सत्र का नवोदय और सैनिक का प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण किया है और नवोदय में नामांकन के लिए आज दर दर भटक रही है। बतादें की बगहा के गांधीनगर मोहल्ले की रहने वाली सिकंदर राम की पुत्री खुशी कुमारी ने नवोदय और सैनिक विद्यालय का प्रवेश परीक्षा पहली प्रयास में ही सफलता पूर्वक पास कर लिया। लेकिन उसकी खुशी और उज्ज्वल भविष्य बनाने का सपना तब चकनाचूर हो गया जब छात्रा का नामांकन इन दोनों विद्यालयों में अधर में लटक गया। दरअसल छात्रा सर्वोत्तम नवोदय कोचिंग संस्थान में नवोदय और सैनिक स्कूल के प्रवेश परीक्षा की तैयारी करती थी। जब नवोदय और सैनिक स्कूल के प्रवेश परीक्षा के लिए फॉर्म भरने का समय आया तो कोचिंग संस्थान के संचालक ओमप्रकाश चौधरी ने एक स्थानीय निजी विद्यालय शास्त्री शिक्षा निकेतन से फॉर्म भरवा दिया। इस बीच जब नवोदय और सैनिक स्कूल का बारी बारी से रिजल्ट प्रकाशित हुआ तो लड़की ने बाजी मार ली। जब नवोदय में नामांकन की बारी आई और विद्यालय में टीसी यानी स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट निर्गत किया तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने उस पर काउंटर साइन नहीं किया। शिक्षा विभाग ने यह हवाला दिया की स्कूल का निबंधन और क्यू आर कोड नहीं है। इसके बाद विद्यालय परित्याग-पत्र के अभाव में लड़की का नामांकन ना तो नवोदय में हो पा रहा है और ना हीं सैनिक स्कूल में, ऐसे में छात्रा काफी परेशान है और अपने पिता के साथ शिक्षा विभाग से लेकर जिलाधिकारी तक के दफ्तरों का चक्कर काटते हुए गुहार लगा रही है की कोई तो मेरा एडमिशन करवा दो ताकि मैं आगे की पढ़ाई कर सकूं और अपने सपनों को साकार कर सकूं। इधर कोचिंग संस्थान और विद्यालय प्रबंधन दोनों एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। कोचिंग संस्थान के संचालक ओमप्रकाश चौहान का कहना है की विद्यालय प्रबंधन ने उन्हें अंधेरे में रखा। यदि उन्हें पता होता की उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो गया है तो मैं उस बच्ची का फॉर्म वहां से नहीं भरवाया होता। इसके पहले भी हर साल भरवाता था लेकिन पहले ऐसी समस्या नहीं आई थी। इस बार विद्यालय का निबंधन रद्द हो चुका था इसकी जानकारी नहीं मिली। दूसरी तरफ विद्यालय प्रबंधन का कहना है की उनका रजिस्ट्रेशन कोड है लेकिन बीच में विभाग ने क्यू आर कोड रजिस्टर्ड करने की व्यवस्था शुरू की और उसका निबंधन नहीं हो पाया जिस कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा टीसी पर काउंटर साइन यानी अभिप्रमाणित नहीं किया गया। छात्रा के पिता सिकंदर राम का कहना है की नवोदय की तैयारी कराने वाले शिक्षण संस्थान के प्रबंधक ओमप्रकाश चौधरी ने उनसे फॉर्म भरवाने और तैयारी कराने के एवज में 70 हजार से ऊपर राशि लिया। इस फीस की भरपाई करने के लिए उन्होंने अपना 11 धुर जमीन बेच दिया। बिटिया मेरे उम्मीद पर खरी उतरी और नवोदय के साथ साथ सैनिक विद्यालय का प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर लिया। लेकिन कोचिंग और स्कूल प्रबंधन के जालसाजी के चक्कर में आज मेरे बेटी का भविष्य अधर में लटक गया है। एसडीएम और डीएम सबके पास गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई निदान नहीं निकल रहा है।