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Post: महान सामाजिक-शैक्षिक सुधारक ज्योतिबा फुले के जयंती के अवसर पर सदभावना- एकजुटता जन कन्वेंशन किया 

महान सामाजिक-शैक्षिक सुधारक ज्योतिबा फुले के जयंती के अवसर पर सदभावना- एकजुटता जन कन्वेंशन किया 

11-14 अप्रैल 2023 तक सांप्रदायिक उन्माद व हिंसा केे खिलाफ भाकपा-माले चलायेगा सद्भावना–एकजुटता अभियान

– अमिट लेख

बेतिया, (मोहन सिंह)। भाकपा-माले ने महान सामाजिक-शैक्षिक सुधारक ज्योतिबा फुले के जयंती के अवसर पर सदभावना- एकजुटता जन कन्वेंशन का आयोजन किया। जिसमें 11-14 अप्रैल 2023 तक पूरे बिहार में सांप्रदायिक उन्माद व हिंसा केे खिलाफ सद्भावना–एकजुटता अभियान चलाने का आह्वान किया। सबसे पहले ज्योतिबाफुले के जयंती के अवसर पर ज्योतिबाफुले के चित्र पर भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने पुष्प अर्पित कर नमन् किया। सदभावना- एकजुटता जन कन्वेंशन को संबोधित करते हुए विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि ज्योतिबाफुले कहते थे कि यदि आजादी, समानता, मानवता, आर्थिक न्याय, शोषणरहित मूल्यों और भाईचारे पर आधारित सामाजिक व्यवस्था का निर्माण करना है तो असमान और शोषक समाज को उखाड़ फेंकना। आगे कहा कि ज्योतिबा फुले कहते थे कि समाज के विकास के लिए यह ज़रुरी है कि समाज का संगठन ऐसा हो कि उसके सभी सदस्यों को स्वतंत्रता और समानता के अधिकार मिले। और उनके बीच भाईचारा हो। यहां तक ज्योतिबाफुले ने कहा था कि “अनपढ़, अशिक्षित जनता को फंसाकर वे अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं और यह वे प्राचीन काल से कर रहें हैं। इसलिए आपको शिक्षा से वंचित रखा जाता है। उस समय जिन सवालों को लेकर ज्योतिबाफुले ने जीवन भर संघर्ष किया। उन तमाम सवालों को आज भाजपा खड़ा कर दिया है। आज भाजपा भाईचारा को खत्म कर रहीं हैं। तमाम बंचित समाज के बच्चों को शिक्षा से बंचित करने के लिए कानून बना रहीं हैं।
सुनील कुमार राव ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने कहा था कि यदि भविष्य में यह देश धर्म के नाम पर कभी हिन्दू राष्ट्र की बात करेगा तो यह हमारे लिए सबसे बड़ी विपत्ति साबित होगा और यह समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले लोगों के लिए बेहद खतरनाक होगा। उसी हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए आज भाजपा बैचेन है। जिसके माध्यम से संविधान और लोकतंत्र को खत्म करने के लिए अभियान चला रहीं हैं इस लिए इसके खिलाफ भाकपा-माले गाँव गाँव में सद्भावना–एकजुटता अभियान चलाएगा। माले नेता संजय राम ने कहा कि उन्माद-उत्पात की इन घटनाओं में भाजपा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ दलित-अतिपिछड़े-पिछड़े समुदाय के बेरोज़गार युवकों को सचेत रूप से आगे करके हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ देने का प्रयास कर रही है। भाकपा-माले जनांदोलनों पर आधारित बिहार मॉडल के माध्यम से भाजपा के फासीवादी अभियान को एक ताकतवर जवाब देगी।

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