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Post: आंदोलन करने आ रहे नियोजित शिक्षकों को पुलिस ने रोका

आंदोलन करने आ रहे नियोजित शिक्षकों को पुलिस ने रोका

हमारे विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

केके पाठक के आदेश से भी नहीं डरे शिक्षक

13 फरवरी को सभी नियोजित शिक्षकों को किसी तरह का अवकाश नहीं देने का केके पाठक दिये थे आदेश

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (विशेष ब्यूरो)। बिहार के करीब चार लाख नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग पर अड़े हैं। वह बिना सक्षमता परीक्षा में बैठे ही राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे। इसी को लेकर आज बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले पटना में प्रस्तावित विराट शिक्षक सत्याग्रह आंदोलन का आह्वान किया गया है।

फोटो : अमिट लेख

इसमें शामिल होने के लिए फिर से हजारों शिक्षक राज्य के अन्य जिलों से पटना पहुंचने लगे हैं जबकि हजारों शिक्षक रात ही पटना पहुंच चुके है। मंगलवार सुबह सात बजे से ही गर्दनीबाग के धरना स्थल पर शिक्षकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। लेकिन सुबह पटना पहुंचने वाले शिक्षकों को जांच के नाम पर पटना बाइपास पर रोकने की सूचना मिल रह है। पटना पुलिस ने उन्हें रोक लिया है। प्रदर्शन के लिए आ रहे नियोजित शिक्षकों का आरोप है कि हमारे आंदोलन की कुचलने की तैयारी चल रही है। हमें बाइपास में ही रोक लिया गया है। हालांकि, इन सबके कारण हमारा आंदोलन नहीं रुकेगा। शिक्षा विभाग हमारे आंदोलन को रोकने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपना रही है। लेकिन, हमलोगों रुकने वाले नहीं हैं। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती है, हम रुकने वाले नहीं है। इससे पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने मशाल जुलूस में शामिल शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया था। शिक्षा विभाग की ओर से बिहार के सभी डीएम को निर्देश दिया गया था। और, कहा गया कि सक्षमता परीक्षा के खिलाफ जिला स्तर पर नियोजित शिक्षक विरोध-प्रदर्शन और मशाल जूलूस निकालकर आंदोलन कर रहे हैं। यह काम शिक्षकों के आचरण के खिलाफ है। इसलिए इन्हें चिन्हित कर इन पर कठोर कार्रवाई की जाए। इतना ही नहीं 13 फरवरी को सभी नियोजित शिक्षकों को किसी तरह का अवकाश नहीं देने का निर्देश दिया गया था।

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