विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (विशेष रिपोर्ट)। बिहार में इंटर और मैट्रिक परीक्षा देने वाले स्टूडेंट के यह काफी काम की खबर है। अब शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि सूबे के अंदर इंटमीडिएट और मैट्रिक की परीक्षा का केंद्र अब कालेजों में नहीं बनाया जाएगा। इसकी जगह दूसरे केंद्रों की तलाश करने को कहा गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा अधिकारी को इसकी तैयारी शुरु करने को कहा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि- अगले शैक्षणिक सत्र 2024-25 से आयोजित की जाने वाली वार्षिक इन्टरमीडिएट / माध्यमिक परीक्षा एवं अन्य परीक्षाओं के लिए डिग्री महाविद्यालयों (अंगीभूत एवं संबद्ध) को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। लिहाजा इसकी जगह दूसरे केंद्रों की तलाश करने को कहा गया है। इससे आगामी मैट्रिक व इंटर परीक्षा में छात्रों के बैठने की समस्याएं के अलावा अन्य समस्याओं की भी कमी होगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कहा कि 2025 में आयोजित की जाने वाली 10वीं (मैट्रिक) एवं 12वीं (इन्टरमीडिएट) वार्षिक परीक्षा एवं अन्य परीक्षाओं के लिए परीक्षा केन्द्र निर्धारण उसी विद्यालय में किया जाय, जिसमें पर्याप्त आधारभूत संरचना हो, ताकि परीक्षाओं के दौरान कक्षा-नौ एवं 11वीं का वर्ग संचालन हो सके। परीक्षा केन्द्रों की औपबंधिक सूची का चयन कर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के साथ-साथ विभाग को भी उपलब्ध कराया जाय। परीक्षा संचालन एवं वर्ग संचालन साथ-साथ हो सके इसके लिए आधारभूत संरचना में विकास करने की आवश्यकता हो तो अविलम्ब कार्य प्रारंभ कर पूर्ण कराया जाए। भले ही विभाग की ओर से यह फैसला लिया गया है। लेकिन परीक्षा केंद्रों के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न होगी। आपको बताते चलें कि, प्रतिवर्ष छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ रही है। डिग्री कालेज को केंद्र नहीं बनाने की वजह से शिक्षा विभाग को काफी परेशानी होगी। दूसरी ओर छात्रों को भी परेशान होना पड़ेगा, क्योंकि परीक्षा केंद्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाया जाएगा। अबकी बार ग्रामीण क्षेत्र के मध्य व हाई स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाए जाने की संभावना है।