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Post: केके पाठक के आदेश का उड़ रही धज्जियां स्कूल बैग कीट की खरीद में भारी घोटाला

केके पाठक के आदेश का उड़ रही धज्जियां स्कूल बैग कीट की खरीद में भारी घोटाला

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

शिक्षा विभाग ने प्राथमिक स्कूलों के अलावा अन्य स्कूलों में पहली कक्षा से पांचवीं तक के बच्चों के लिए स्कूल बैग किट बांटने का आदेश दिया था 
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ब्यूरो रिपोर्ट)। शिक्षा विभाग ने प्राथमिक स्कूलों के अलावा अन्य स्कूलों में पहली कक्षा से पांचवीं तक के बच्चों के लिए स्कूल बैग किट बांटने का आदेश दिया। लेकिन बच्चों की संख्या के अनुपात में स्कूल बैग कीट की खरीद कम की गई है। कथित तौर पर खरीद में घोटाला हुआ है। स्कूलों को बच्चों के अनुपात में काफी कम बैग दिए जा रहे है। ऐसे में हेडमास्टर झगड़ा होने के डर के कारण इसका वितरण बच्चों में नहीं कर पा रहे है। कम बैग होने के कारण जिन बच्चों को बैग नहीं मिलेगा उनके अभिभावक स्कूल में इसके लिए पहुंच जाएंगे और विवाद की आंशका है। इस कारण बच्चों के स्कूल बैग के कीट को शिक्षक अलमीरा में बंद करना हीं श्रेयस्कर समझ रहे है। ये हाल है पटना के की स्कूलों का। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की नाक नीचे यह सब हो रहा है। पटना के शिक्षकों का कहना है कि सिर्फ स्कूलों का निरीक्षण करने से नहीं होगा। कथित तौर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाए हुए है। एरियर से लेकर प्रमोशन, छुट्टी के आवेदन के लिए यानी हर काम के लिए शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में रेट तय है। शिक्षक ने बताया कि जब जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा गया कि कम बैग कैसे स्कूली छात्रों के बीच बांटा जाए। उसके बाद कहा गया कि इसे बांटने की जरूरत नहीं है, चुपचाप ले जाकर रख दीजिए और अपना मुंह बंद रखिए और काम कीजिए। बक्सर जिले के कई स्कूलों के बच्चों को स्कूल बैग किट नहीं मिला है। यहां भी शिक्षक बहुत भारी घोटाले की बात कर रहे है। बक्सर के एक टीचर के अनुसार बेंच डेस्क बनाने में जमकर धांधली हो रही है। आपूर्तिकर्ता सीधे जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से जुड़े हुए है। गुणवत्ता जांचने का काम हेडमास्टर को दिया गया है और काम अधिकारी करा रहे है। कथित तौर पर बेंच-डेस्क सेमल की लकड़ी का बनवाया जा रहा है। यहां भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। डील अधिकारी कर रहे हैं और डंडा हेडमास्टर्स पर चलने वाला है। शिक्षा विभाग के नियम के अनुसार 15 मार्च से पहले बच्चों को स्कूल बैग किट पूरी तरह वितरित हो जाने चाहिए थे। एसीएस केके पाठक की ओर से एक पत्र भी निकाला गया था जिसमें किट के वितरण की बात कही गई थी,लेकिन विभाग से कम बैग मिलने का कारण केके पाठक के आदेश की पालना नहीं हो पाई है। कथित तौर पर यदि पूरे बिहार में इसकी जांच केके पाठक कराएं तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। स्कूलों में बैग देने के नाम पर बस खानापूर्ति की जा रही है।

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