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Post: केके पाठक का बड़ा तोहफा, 12वीं तक के 17 हजार शिक्षकों को दिया जायेगा टैब

केके पाठक का बड़ा तोहफा, 12वीं तक के 17 हजार शिक्षकों को दिया जायेगा टैब

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

जिले के शिक्षकों आगामी शैक्षणिक सत्र टैब देने की तैयारी चल रही है
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (विशेष ब्यूरो)। जिले के शिक्षकों आगामी शैक्षणिक सत्र टैब देने की तैयारी चल रही है। अब शिक्षक टैब के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करेंगे। जिले के कक्षा एक से 12 वीं तक के 17 हजार शिक्षकों को टैब दिया जाएगा। पहले चरण में कक्षा नौ से 12 वीं तक के शिक्षकों को टैब दिया जाएगा। इसके बाद कक्षा एक से आठ के शिक्षकों को टैब देने की व्यवस्था की जाएगी। टैब मिल जाने के बाद शिक्षक की उपस्थिति ऑनलाइन चेक की जा सकती है। यह भी पता चल पाएगा कि शिक्षक प्रतिदिन कितने कक्षा ले रहे हैं। शिक्षकों को मिलने वाले टैब में कक्षा एक से 12 वीं तक पाठ्यक्रम अपलोड रहेंगे। शिक्षक किताब की जगह प्रतिदिन कक्षा में पढ़ाई जाने वाली विषय से अद्यतन रहेंगे। जिस दिन जिस विषय की कक्षा में पढ़ाई होगी वे टैब के माध्यम से अद्यतन रहेंगे। अब तक शिक्षक किताब पढ़कर बच्चों को संबंधित विषय की जानकारी कक्षा में देते थे। प्रधानाध्यापकों को भी टैब रखना होगा। वे प्रतिदिन टैब के जरिए वीसी की बैठेंगे में जुड़ेंगे और प्रतिदिन की रिपोर्ट विभाग को देंगे। मिशन दक्ष और विशेष कक्षा भी जानकारी विभाग को देनी होगी। बीपीएससी द्वारा शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शिक्षकों को उनके स्कूल के नजदीक आवास देने की प्रक्रिया शुरू होगी। विभागीय स्तर पर एजेंसी के माध्यम से आवास के लिए जगह का चयन कर लिया गया है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अभी राज्य में तीसरे चरण की शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। शिक्षकों को नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शिक्षकों के आवास को लेकर काम में तेजी आएगी। पटना जिले में प्रथम चरण में 41 सौ और दूसरे चरण में 26 सौ शिक्षक नियुक्त किए गए थे। वर्तमान में तीसरे चरण की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। शिक्षकों के आवास के लिए जगह का चयन कार्य चल रहा है। शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया खत्म होने के बाद ही आवास उपलब्ध कराया जा सकता है। ज्ञात हो कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नव नियुक्त शिक्षकों को उनके विद्यालय के नजदीक पंचायत एवं प्रखंड स्तर पर आवास उपलब्ध कराने की योजना तैयार की था, ताकि शिक्षक समय पर स्कूल पहुंच सकें।

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